Move to Jagran APP

हाईकोर्ट ने अदालतों की सुरक्षा को बताया बेहद जरूरी, पुलिस से पांच दिन की स्थिति रिपोर्ट मांगी

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि हम और जिंदगियां नहीं खोना चाहते हैं। जिला अदालतों में पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग वाली याचिका पर पीठ ने उक्त टिप्पणी करते हुए पुलिस से पांच दिन के अंदर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 07:04 PM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 07:04 PM (IST)
हाईकोर्ट ने अदालतों की सुरक्षा को बताया बेहद जरूरी, पुलिस से पांच दिन की स्थिति रिपोर्ट मांगी
दिल्ली हाई कोर्ट ने अदालतों की सुरक्षा को लेकर पांच दिन में मांगी रिपोर्ट। प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली की अदालतों की सुरक्षा के मामले को बेहर जरूरी बताते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि इस तरह की घटनाओं का शिकार अधिवक्ता भी हो सकते हैं। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि हम और जिंदगियां नहीं खोना चाहते हैं। जिला अदालतों में पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग वाली याचिका पर पीठ ने उक्त टिप्पणी करते हुए पुलिस से पांच दिन के अंदर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। पीठ ने इसके साथ ही महिला अधिवक्ता दीपा जोसेफ द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली पुलिस और बार काउंसिल आफ दिल्ली (बीसीडी) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।

loksabha election banner

मामले में अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को होगी। वहीं, पुलिस ने पीठ को सूचित किया कि जिला अदालतों की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए पुलिस जरूरी कदम उठा रही है। दीपा जोसेफ की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता राबिन राजू ने कहा कि महिला अधिवक्ता पेशे में अपेक्षाकृत नई है और गोलीबारी की घटना के बाद मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल हुए वीडियो से चौक गई थी। बीसीडी की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अजयिंदर सांगवान ने पीठ को सूचित किया कि उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ एक विस्तृत बैठक की और इस बात पर सहमति हुई कि जिला अदालतों की सुरक्षा व्यवस्था को हाई कोर्ट के समान बनाया जाएगा।

वहीं, दिल्ली सरकार के स्थायी अधिवक्ता संतोष कुमार त्रिपाठी ने पीठ को आश्वासन दिया कि पुलिस जिला अदालतों में पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है और आगे भी उठाएगी। याचिकाकर्ता-अधिवक्ता ने अपनी याचिका में कहा कि वह दिल्ली की विभिन्न अदालतों में प्रैक्टिस कर रही हैं। इस घटना के बाद से असुरक्षित महसूस कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि अदालत के अंदर हुई घटना ने न्यायाधीशों, वकीलों और वादियों की सुरक्षा पर एक बार फिर बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। उन्होंने इस मामले में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.