Move to Jagran APP

आदेश नहीं मानने पर हाई कोर्ट ने निचली अदालत के जज से मांगा जवाब

लंबित मामले की जल्द सुनवाई कर स्थिति रिपोर्ट पेश करने के आदेश का अनुपालन नहीं करने पर हाइकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश से स्पष्टीकरण मांगा है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 08:49 PM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 08:49 PM (IST)
आदेश नहीं मानने पर हाई कोर्ट ने निचली अदालत के जज से मांगा जवाब
आदेश नहीं मानने पर हाई कोर्ट ने निचली अदालत के जज से मांगा जवाब

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी] दो भाइयों के बीच संपत्ति विवाद के लंबित मामले की जल्द सुनवाई कर स्थिति रिपोर्ट पेश करने के आदेश का अनुपालन नहीं करने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे-03) से स्पष्टीकरण मांगा है। न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा की पीठ ने 19 दिसंबर तक स्थिति रिपोर्ट पेश करने का भी आदेश दिया है।

loksabha election banner

पांच नवंबर तक मांगा था रिपोर्ट

गत 5 नवंबर को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता सुरेंद्र कुमार के अधिवक्ता जगमोहन सिंह ने पीठ को बताया कि 1 अक्टूबर को पीठ ने आदेश दिया था कि एएसजे-03 मामले पर तेजी से सुनवाई कर 5 नवंबर तक स्थिति रिपोर्ट पेश करें। 30 अक्टूबर को एएसजे की अदालत में सुनवाई के लिए मामला सूचीबद्ध था, लेकिन एएसजे ने यह कहते हुए मामले को 6 नवंबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया कि यह अभी हाई कोर्ट में लंबित है।

मांग के अनुरूप नहीं हुई सुनवाई

इन दलीलों को रिकॉर्ड पर लेते हुए न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता की मांग यही थी कि सभी पक्षों को सुनकर निचली अदालत फैसला जल्द सुनाए। इस अदालत ने सुनवाई पर रोक नहीं लगाई थी, बल्कि तेजी से सुनवाई कर स्थिति रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। जबकि निचली अदालत ने मामले में सुनवाई भी नहीं की और न ही अब तक स्थिति रिपोर्ट पेश की है। पीठ ने एएसजे से स्पष्टीकरण मांगा कि आखिर एक अक्टूबर को दिए गए आदेश के तहत स्थिति रिपोर्ट क्यों नहीं पेश की गई।

भाई के बीच है संपत्‍ति की लड़ाई

याचिका के अनुसार यह पूरा मामला सुरेंद्र कुमार और उनके भाई प्रदीप कुमार के बीच संपत्ति का है। कोटला मुबारकपुर थाने में मामला दर्ज हुआ और एसडीएम की अदालत में सुनवाई हुई। एसडीएम ने प्रदीप कुमार के हक में फैसला सुनाते हुए बेसमेंट खाली करने का आदेश दिया। सुरेंद्र कुमार ने इस फैसले को एएसजे की अदालत में चुनौती दी। वहीं तेजी से सुनवाई की मांग करते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

दिल्‍ली-एनसीआर की खबरों को पढ़ने के लिए यहां करें क्‍लिक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.