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कैदियों की परिवार व वकीलों से मुलाकात पर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

पीठ ने यह भी पूछा कि क्या शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए जेल के अंदर कैदी व उनके परिजन-वकीलों के बीच भौतिक मुलाकातें हो सकती हैक्योंकि सभी के लिए वर्चुअल मुलाकातें संभव नहीं है। पीठ ने कहा कि सभी कैदी के पास ऐसे संसाधन मौजूद नहीं हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 06:45 AM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 08:56 AM (IST)
कैदियों की परिवार व वकीलों से मुलाकात पर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब
हाई कोर्ट ने जेल अधिकारियों को कम्प्यूटर की संख्या बढ़ाने का दिया निर्देश।

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। कोरोना महामारी को देखते हुए जेल में कैदियों को उनके परिवार व अधिवक्ताओं से तीन के बदले चार बार मुलाकात करने देने के मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने जेल अधिकारियाें से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने साथ ही भौतिक रूप से मुलाकात करने पर भी जवाब मांगा है।

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कंप्यूटर की संख्या बढ़ाने का आदेश

दिल्ली दंगा मामले में आरोपित नताशा नरवाल एवं देवांगना कलिता की अर्जी पर पीठ ने साथ ही कम्प्यूटर की संख्या बढ़ाने को भी कहा ताकि कैदी अपने अधिवक्ता के माध्यम से अदालतों में लंबित मामलों की जानकारी ले सकें। मामले में अगली सुनवाई 16 मई को होगी।

पहले आठ मुलाकातें वहीं कोरोना के कारण तीन हुई

सुनवाई के दौरान जेल प्रशासन की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता गौतम नारायण ने पीठ से कहा कि पहले आठ मुलाकातें होती थी लेकिन कोरोना के कारण यह कम करके तीन कर दी गई हैं और इसे भी वर्चुअल कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि संक्रमण कम होने पर भौतिक मुलाकातें शुरू कर दी गई थी, लेकिन जब दोबारा से संक्रमण बढ़ने पर वर्चुअल मुलाकात की अनुमति दी गई है।

सभी के लिए वर्चुअल मुलाकात संभव नहीं

पीठ ने यह भी पूछा कि क्या शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए जेल के अंदर कैदी व उनके परिजन-वकीलों के बीच भौतिक मुलाकातें हो सकती है, क्योंकि सभी के लिए वर्चुअल मुलाकातें संभव नहीं है। पीठ ने कहा कि सभी कैदी के पास ऐसे संसाधन मौजूद नहीं हैं कि वे परिजनों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुलाकात करें। ऐसे में जेल प्रशासन इस पर गंभीरता से विचार करें।

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