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जानिए कौन हैं रीता गांगुली, जिन्हें अब खाली करना होगा सरकारी आवास

Rita Ganguly News सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकारी भवन खाली करने से जुड़े एकल पीठ के निर्णय पर राहत देने की मांग वाली रीता गांगुली की याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद से रीता गांगुली का नाम चर्चा में आ गया है।

By Vineet TripathiEdited By: Abhishek TiwariPublished: Mon, 04 Apr 2022 02:46 PM (IST)Updated: Mon, 04 Apr 2022 02:46 PM (IST)
जानिए कौन हैं रीता गांगुली, जिन्हें अब खाली करना होगा सरकारी आवास
जानिए कौन हैं रीता गांगुली, जिन्हें अब खाली करना होगा सरकारी आवास

नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। भारतीय शास्त्रीय कलाकार रीता गांगुली को देश की राजधानी में मिला सरकारी भवन खाली करना होगा, क्योंकि दिल्ली हाई कोर्ट ने राहत देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है।

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  • रीता गांगुली भारतीय शास्त्रीय कलाकार हैं।
  • उनका जन्म उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
  • वो एक कुशल डांसर, संगीतकार और गायिका हैं।
  • रीता गांगुली को साल 2000 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और 2003 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
  • रीता लखनऊ में पली बढ़ीं
  • रीता ने गोपेश्वर बनर्जी से 12 वर्ष की आयु में रवीन्द्र संगीत सीखना शुरू किया।
  • रीता ने मार्था ग्राहम स्कूल, न्यूयॉर्क में आधुनिक नृत्य का प्रशिक्षण प्राप्त किया।
  • रीता ने एनएसडी में तीस साल तक पढ़ाया और अपने कार्यकाल के दौरान, उन्हें प्रोडक्शंस और कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग में योगदान देने के लिए जाना जाता है।
  • रीता गांगुली एक फोर्ड फाउंडेशन फेलो हैं और भारतीय उपमहाद्वीप की महिला गायकों पर उनकी थीसिस के लिए डाक्टरेट की डिग्री है।
  • रीता उर्दू शायरी की एक शैली नज्मों को पसंद करने के लिए जानी जाती हैं।
  • रीता गांगुली ने कल्पना लाजमी की एक फीचर फिल्म, दरमियान में भी काम किया है।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को सरकारी भवन खाली करने से जुड़े एकल पीठ के निर्णय पर राहत देने की मांग वाली रीता गांगुली की याचिका को खारिज कर दिया। भवन खाली करने के लिए और समय देने से इन्कार करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने कहा कि अदालत एक दिन का और समय देगी। इसके साथ ही पीठ ने भारी जुर्माना लगाने की बात करते हुए कहा कि एकल न्यायाधीश ने कलाकारों को सरकारी आवास खाली करने के लिए दो महीने का समय देकर उपकार किया था। पीठ का ऐसा रुख देखते हुए गांगुली के अधिवक्ता ने याचिका अपील वापस ले ली है।


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