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Delhi: दो डॉक्टरों को स्टडी-लीव न देने के निर्णय पर हाई कोर्ट ने उठाया सवाल, मांगा जवाब

दो डॉक्टरों को स्टडी-लीव न देने के दिल्ली सरकार के निर्णय पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सवाल उठाया है। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा जब इस संबंध में अनापत्ति प्रमाण पत्र पहले ही दे दिया गया था फिर भी अवकाश अस्वीकृत क्यों किया गया।

By Edited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 09:04 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 09:48 PM (IST)
Delhi: दो डॉक्टरों को स्टडी-लीव न देने के निर्णय पर हाई कोर्ट ने उठाया सवाल, मांगा जवाब
डॉक्टरों ने पढ़ाई के लिए सवा लाख रुपये फीस भी जमा कर दी है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दो डॉक्टरों को स्टडी-लीव न देने के दिल्ली सरकार के निर्णय पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सवाल उठाया है। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा जब इस संबंध में अनापत्ति प्रमाण पत्र पहले ही दे दिया गया था फिर भी अवकाश अस्वीकृत क्यों किया गया। पीठ ने इसके साथ ही सरकार को अपने निर्णय पर दो सप्ताह में विचार कर याचिकाकर्ता दोनों डॉक्टरों को जानकारी देने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति ने इसके साथ ही सरकार से अपने निर्णय की प्रति सुनवाई के अगले दिन 11 नवंबर को पेश करने को कहा है।

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न्यायमूर्ति ने कहा कि सरकार ने दोनों डॉक्टरों को जून में ही स्टडी-लीव देने के लिए अनापत्ति पत्र जारी कर दिया था। उस समय में कोरोना महामारी चरम पर था। सरकार ने दोनों डॉक्टर को आश्वस्त किया था कि अगर उन लोगों का चयन पीजी कोर्स के लिए हो जाएगा तो वह स्टडी-लीव दे देंगे। अब डॉक्टरों का चयन हो गया है और उन्हें अच्छी रैंक भी मिली है। डॉक्टरों ने पढ़ाई के लिए सवा लाख रुपये फीस भी जमा कर दी है। अब सरकार कोरोना महामारी आधार बनाते हुए दोनों डॉक्टरों को रिलीव करने से इन्कार कर रही है। अदालत ने कहा कि सरकार दोनों डॉक्टरों को स्टडी लीव देने के मुद्दे पर गंभीरता से विचार करे और उसकी जानकारी याचिकाकर्ता डॉक्टरों के साथ-साथ अदालत को दे।

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