इंडिया गेट के पास सीसीटीवी कैमरों के न चलने पर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति हरिशंकर की पीठ ने केंद्र व दिल्ली सरकार के साथ दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। इंडिया गेट के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के न काम करने के मामले का संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज व सूचना के अभाव में राष्ट्रीय राजधानी के लुटियंस दिल्ली जोन में सड़क दुर्घटना व हिट एंड रन केस के कई मामले अनसुलझे रह जाते हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति हरिशंकर की पीठ ने केंद्र व दिल्ली सरकार के साथ दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने उक्त आदेश अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के फिजियोथेरेपिस्ट के पत्र का संज्ञान लेते हुए दिया। पत्र के माध्यम से फिजियोथेरेपिस्ट ने बताया कि 28 जून की रात इंडिया गेट के पास अचानक तेज रफ्तार वाहन से कुछ लोग उनकी कार के पास आए और उन्हें जबरदस्ती कार को रोकने के लिए कहा। इतना ही नहीं वाहन में बैठे ड्राइवर ने उन पर हमला किया और फिर वहां से तेज रफ्तार से फरार हो गया। उन्होंने बताया कि जब वह पुलिस स्टेशन पर रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे तो पुलिसकर्मियों ने इंडिया गेट के आसपास सीसीटीवी कैमरों के न चलने के कारण संदिग्ध कार को ट्रेस करने में असमर्थता जताई।
पूरे मामले पर हैरानी जताते हुए पीठ ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। साथ ही पीठ ने यह भी कहा कि अगर सीसीटीवी कैमरे काम करे तो रोड-रेज जैसी वारदातों को रोका जा सकता है। मुख्य पीठ ने राजधानी के विभिन्न इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरों की जानकारी मांगी। साथ ही यह भी पूछा कि राजधानी में लगे सीसीटीवी कैमरों में से कितने काम कर रहे हैं। पीठ ने बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट के पास हुई सड़क दुर्घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय सुनिश्चित किया गया था कि सभी सीसीटीवी कैमरों का संचालन कराया जाएगा, लेकिन इसमें कोई बदलाव होते दिखाई नहीं दे रहा है।