Move to Jagran APP

मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए कानून में संशोधन व जुर्माना नहीं बढ़ाने की विफलता से हाई कोर्ट नाराज

पीठ को पिछली सुनवाई पर सूचित किया गया था कि सजा बढ़ाने और दिल्ली नगर अधिनियम की धारा-482 और एनडीएमसी अधिनियम की धारा-390 में संशोधन का प्रस्ताव अभी भी दिल्ली सरकार के पास विचार के लिए लंबित है।

By Vineet TripathiEdited By: Pradeep ChauhanPublished: Fri, 25 Mar 2022 08:30 PM (IST)Updated: Fri, 25 Mar 2022 08:30 PM (IST)
मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए कानून में संशोधन व जुर्माना नहीं बढ़ाने की विफलता से हाई कोर्ट नाराज
हाईकोर्ट ने आयुक्तों की अध्यक्षता में टास्क फोर्स गठित करने का निर्देश दिया था।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए कानून में संशोधन और जुर्माना बढ़ाने के संबंध में दिए गए आदेशों का अनुपालन नहीं होने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से नाराजगी व्यक्त की।कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि जुर्माना बढ़ाने के मामले पर अदालत ने पूर्व में मुख्य सचिव को देखने का निर्देश दिया था और निर्देश जारी किए थे।दुर्भाग्य से इसे गंभीरता से नहीं किया गया और हमारा अनुरोध बहरे कानों पर पड़ा।

loksabha election banner

पीठ ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि इस संबंध में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पर एक हलफनामा दो सप्ताह के अंदर दाखिल करें। साथ ही यह भी कहा कि अगर ऐसा करने में वे विफल रहते हैं तो आगामी 22 अप्रैल को उन्हें अदालत में पेश हाेना होगा। पीठ को पिछली सुनवाई पर सूचित किया गया था कि सजा बढ़ाने और दिल्ली नगर अधिनियम की धारा-482 और एनडीएमसी अधिनियम की धारा-390 में संशोधन का प्रस्ताव अभी भी दिल्ली सरकार के पास विचार के लिए लंबित है।

वर्तमान में साफ-सफाई नहीं रखने व मच्छरों को पनपने देने के लिए जिम्मेदार लोगों पर 500 रुपये के जुर्माने का प्रविधान है।प्रजनन से जुड़े मामले पर सुनवाई कर रही पीठ ने अन्य बिंदुओं पर सुनवाई के लिए याचिका को छह मई के लिए सूचीबद्ध किया। हाई कोर्ट ने 24 दिसंबर 2021 को पूर्वी, दक्षिण और उत्तरी नगर निगम के साथ दिल्ली छावनी बोर्ड और नई दिल्ली नगर परिषद को मच्छरों की निगरानी और नियंत्रण के लिए अपने आयुक्तों की अध्यक्षता में टास्क फोर्स गठित करने का निर्देश दिया था।

प्रजनन।पीठ को बताया गया कि मुख्यालय व अंचल स्तर पर अलग-अलग टास्क फोर्स का गठन किया गया और पहली बैठक 4 जनवरी को हुई। डेंगू और चिकनगुनिया की बढ़ती बीमारियों को देखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने जनहित याचिका शुरू की थी। इस संबंध में अदालत पूर्व में कई अहम निर्देश व आदेश जारी कर चुकी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.