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Heroes of Delhi Violence: जब मौत के बीच फरिश्ता बना सिख परिवार, मुस्लिम पड़ोसियों की बचाई जान

Heroes of Delhi Violence मोहिंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे इंद्रजीत सिंह के साथ हिंसा पीड़ित मुस्लिम पड़ोसियों की न सिर्फ जान बचाई बल्कि उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचा

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 01 Mar 2020 02:13 PM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2020 02:27 PM (IST)
Heroes of Delhi Violence: जब मौत के बीच फरिश्ता बना सिख परिवार, मुस्लिम पड़ोसियों की बचाई जान
Heroes of Delhi Violence: जब मौत के बीच फरिश्ता बना सिख परिवार, मुस्लिम पड़ोसियों की बचाई जान

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Heroes of Delhi Violence: उत्तर-पूर्वी इलाके में हिंसा के चलते कई परिवार बर्बाद हो गए है। किसी के सिर से पिता का हाथ उठ गया तो किसी का घर तबाह हो गया। हिंसा थमे तो अब उससे जुड़ी कहानियां सामने आ रही हैं। गोकलपुरी निवासी मोहिंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे इंद्रजीत सिंह के साथ हिंसा पीड़ित मुस्लिम पड़ोसियों की न सिर्फ जान बचाई बल्कि उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। सभी लोगों को मोटरसाइकिल व स्कूटी के माध्यम से कर्दमपुरी इलाके में सुरक्षित पहुंचाया।

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मोहिंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने 1984 का दंगा देखा है, उसका दर्द महसूस किया है। इसलिए पता है कि दंगों में बस लोग ही नहीं मरते हैं, किसी मां का बेटा, तो किसी का भाई भी मरता है। यह दर्द जीवन भर लोगों को परेशान करता है। क्षेत्र में वर्षो से साथ में रह रहे मुस्लिम लोग अपने परिवार जैसे है। सभी लोग मिल जुलकर भाईचारे के साथ रहते है, ऐसे में कैसे इनको मरते देखता।

पीड़ितों की मदद के लिए समाजसेवी मैदान में उतरे

हिंसा में मारे गए और बेघर हुए लोगों की मदद के लिए कई समाजसेवी सामने आए हैं। ये लोग शिव विहार, मौजपुर, करावल नगर, कर्दमपुरी, खजूरी, बृजपुरी, ब्रह्मपुरी, जाफराबाद और भजनपुरा में दो दिन से खाद्य सामग्री का वितरण कर रहे हैं। ये लोग चाय, ब्रैड, नमकीन, बिस्किट, समोसा सहित नाश्ते का इंतजाम करते हैं। वहीं दोपहर को ये लोग खाना भी बांटते हैं। ये लोग आपसी तालमेल से लगातार पीड़ितों की मदद कर रहे हैं।

वहीं गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल में भी सीमापुरी के समाजसेवियों द्वारा तीन दिन से लगातार शिविर लगाकर शवगृह के बाहर मौजूद मृतकों के परिजनों के लिए खाद्य सामग्री का वितरण किया जा रहा है। करीब 10 लोग यहां मौजूद रहकर खाना, पानी, चाय सहित खाने-पीने की अन्य चीजों का वितरण कर रहे हैं। शवगृह के बाहर प्रतिदिन दूर-दूर से आने वाले मृतकों के परिजन और रिश्तेदारों को इससे बड़ी मदद मिल रही है। यहां कई दिन से परिजन पोस्टमार्टम के बाद शव मिलने के इंतजार में पड़े हुए हैं।

तेजाब से झुलसा छात्र अस्पताल जाने में भी डर रहा

शिव विहार में उपद्रवियों ने जमकर तांडव किया है। दुकानें और मकानों को तो जलाया ही इसके साथ ही लोगों पर तेजाब भी फेंका गया। उपद्रवियों ने 10वीं के एक छात्र पर भी तेजाब फेंका जिससे वह बुरी तरह जख्मी हो गया। छात्र सदमे में हैं और अस्पताल जाने से भी डर रहा है। छात्र की मां ने बताया कि 25 फरवरी की शाम को उनका बच्चा शिव विहार मार्केट में दुकान पर सामान लेने के लिए गया था, उसी दौरान दुकान के पास उपद्रवियों की भीड़ आई और उन्होंने छात्र पर तेजाब फेंक दिया। तेजाब से छात्र का चेहरा और पूरा शरीर जल गया है। किसी तरह वह घर तक पहुंचा, उसमें उपद्रवियों का इतना खौफ है कि वह अस्पताल के नाम से सहम जाता है कि उपद्रवी वहां भी न आ जाएं।


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