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Heroes of Delhi Violence: हिंसा और डर के बीच 8 हिंदुओं को सुरक्षित स्थान पर ले गए नईम अली

दिल्ली में पिछले दिनों हुई हिंसा ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इसी बीच कई नायक ऐसे सामने आए जिन्होंने इंसानियत की मिसाल पेश की। ऐसी ही एक हीरों से हम आपको मिलवाने जा रहे हैं।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Sat, 29 Feb 2020 12:26 PM (IST)Updated: Sat, 29 Feb 2020 12:26 PM (IST)
Heroes of Delhi Violence: हिंसा और डर के बीच 8 हिंदुओं को सुरक्षित स्थान पर ले गए नईम अली
Heroes of Delhi Violence: हिंसा और डर के बीच 8 हिंदुओं को सुरक्षित स्थान पर ले गए नईम अली

नई दिल्ली, एएनआइ। इस सप्ताह के शुरूआत में पूरे उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बीच। कुछ ऐसा नायक भी सामने आए जो अन्य समुदाय को लोगों को अपनी ही समुदाय के लोगों से बचाने की कोशिश कर रहे थे। ऐसे ही जाबाज हीरों के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। जब दिल्ली में चारों तरफ नफरत की आग फैली हुई थी। तब कई लोग ऐसा भी सामने आए जिन्होंने इंसानियत की मिसाल पेश की। 

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नईम अली ने बचाई कई हिंदुओं की जान

शिव विहार के रहने वाले 34 वर्षीय नईम अली प्रधान ऐसा ही नायकों में से एक है। उन्होंने 24 फरवरी की रात को कम से कम 7-8 हिंदुओं की मदद की थी। जिस वक्त हिंसा अपने चरम पर थी उस वक्त नईम इन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले गए। बता दें कि हिंसा में शिव विहार सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में से एक है।

भीड़ ने कई दुकानों को बनाया अपना निशाना 

नईम अली के अनुसार, उस रात भीड़ ने सड़क पर दर्जनों दुकानों पर हमला किया और बाद में रिहायशी इलाकों के अंदर घुसने की कोशिश की। अचानक, उन्होंने युवाओं के एक समूह को देखा जो परेशान दिख रहे थे और निराश होकर दिशा पूछ रहे थे।

भीड़ से बचने की कोशिश कर रहे थे ये लोग

नईम ने कहा कि मैं उन्हें देख रहा था, वे हिंदू थे, जो भीड़ से बचने की कोशिश कर रहे थे। वे हमारी कॉलोनी की गलियों के अंदर रास्ता भटक गए थे। मैं अन्य मुस्लिम पुरुषों के साथ उन्हें पास के हिंदू इलाके में ले गया। उन्होंने साथ ही ये भी बताया कि वह दिल्ली पुलिस द्वारा गठित अमन समिति के सदस्य भी हैं। 

डरे और चिंतित थे लोग

कई दुकानें और कुछ शोरूम में एक समूह द्वारा हमला किया गया था। ये हिंदू मुख्य सड़क पर मौजूद भीड़ से डरे हुए और चिंतित थे। भीड़ लोगों पर हमला कर रही थी। वह सभी घबराए हुए थे। उन्होंने मुझसे कॉलोनी का रास्ता पूछा क्योंकि वह सभी अपना रास्ता भटक गए थे। 

बन्ने खां के परिवार को भी मिली मदद

वहीं दूसरी तरफ गोविंद विहार में गली नंबर-8 में इंसानियत और भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए लोगों ने बन्ने खां के परिवार के 22 लोगों को  उपद्रवियों का शिकार होने से बचाया।

जब ऋषिपाल बने मुस्लिम भाईयों का ढाल

जाफराबाद रोड पर उत्तर-प्रदेश सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यालय में चौकीदार है। उनके कार्यालय के बाहर बाल उल उलूम मदरसा है। यहां पर बड़ी संख्या में नमाजी आते हैं। स्थिति को देखते हुए ऋषिपाल मदरसे के पास सुरक्षा देते रहे ताकि मुस्लिम समुदाय के लोग आराम से नमाज अदा कर सकें। 


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