Delhi Heritage News: कभी थीं आस्ट्रेलिया की नेशनल गैलरी में, अब पुराना किला में सजेंगी धरोहरें
Delhi Heritage News जल्द ही आस्ट्रेलिया की नेशनल गैलरी से देश की 14 ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहर वापस आएंगी। ये कहां से चोरी हुई थीं इसके बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है। मगर ऐसा माना जा रहा है कि इसमें से अधिकतर धरोहरें दक्षिण भारत से चोरी हुई थीं।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। मूर्ति तस्कर सुभाष कपूर ने देश से चोरी कर तमाम धरोहर दूसरे देशों में करोड़ों में बेच दी थी। 2011 में उसके पकड़े जाने के बाद से ये धरोहरें वापस आ रही हैं। इसी प्रक्रिया में जल्द ही आस्ट्रेलिया की नेशनल गैलरी से देश की 14 ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहर वापस आएंगी। ये कहां से चोरी हुई थीं इसके बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है। मगर ऐसा माना जा रहा है कि इसमें से अधिकतर धरोहरें दक्षिण भारत से चोरी हुई थीं। इन्हें पुराना किला के संग्रहालय में स्थान दिया जाएगा। इस किला में तमाम ऐसी धरोहर को प्रदर्शित करने की योजना है जो चोरी होने के बाद देश में वापस लौटी हैं और जिनके बारे में किसी राज्य में चोरी की प्राथमिकी दर्ज नहीं है। इस बारे में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि इस बारे में प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
ये धरोहर आ रही हैं वापस
जो धरोहर वापस आ रही हैं इनमें श्रीनाथ जी की पेंटिंग, हाथी पर बैठे राजा रानी की पेंटिंग, काली यंत्र, कृष्ण और अर्जुन, शिव व पार्वती, यक्ष भैरव, महिला का चित्र, श्री दरशम राम जी और श्री लक्ष्मण जी, वराह, केले के पत्ते पर बाल रूप में कृष्ण, कांस्य से बनी चंडीकेशवरा और नृत्य करते समबंदर की मूर्तियां शामिल हैं। इसके साथ ही बलुआ पत्थर से बनी शिव भैरव की मूर्ति भी वापस आने वाली धरोहर की सूची में शामिल है।
पुराना किला में बन रहे संग्रहालय में इन्हें प्रदर्शित किए जाने की योजना
पूराना किला में एक ऐसा संग्रहालय बनाया जा रहा है जिसमें चोरी गई धरोहर को वापस लाकर प्रदर्शित किया जाएगा। इसके पहले चरण में बनाए गए संग्रहालय में भी देश में वापस आईं धरोहर को प्रदर्शित किया गया है। अब दूसरे चरण में बन रहे संग्रहालय में आस्ट्रेलिया से आने वाली धरोहर को प्रदर्शित किया जाएगा। इस संग्रहालय में दो सौ के करीब धरोहर को प्रदर्शित किए जाने की योजना है।
पिछले सात साल में तेजी से बढ़ा है धरोहर वापस आने का सिलसिला
देश में साल 1976 से अब तक कुल 54 पुरात्तव महत्व की धरोहरें वापस लाईं गई हैं। इसमें चोल साम्राज्य की नटराज की मूर्ति, महात्मा बुद्ध की मूर्ति भी शामिल हैं। इनमें से पिछले सात सालों में ही 41 ऐतिहासिक धरोहर वापस लाई गई हैं। जबकि साल 1976 से 2014 तक 13 घरोहरें ही वापस आई थीं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण इसमें भारत सरकार का प्रयास ही मुख्य रूप से मान रहा है। नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद कुछ देश स्वयं मूर्तियां वापस लौटाने के लिए सामने आए हैं। सीबीआइ और केंद्र के दूसरे संबंधित सरकारी विभागों की कोशिशों के कारण भी ऐतिहासिक धरोहर स्वदेश लौंटी हैं।
आस्ट्रेलिया ने न्यूयार्क में सुभाष कपूर की गैलरी से खरीदी थीं मूर्तियां : डीएन डिमरी
डीएन डिमरी (पूर्व संयुक्त महानिदेशक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) का कहना है किभारत में धरोहर भरी पड़ी है। हमारे धर्म और देवी देवताओं के प्रति विदेश में भी बहुत सम्मान है। विेदेश की आर्ट गैलरी में भारतीय कलाकृतियों के लिए अलग अलग से विंग होती है। आस्ट्रेलिया की जो नेशनल गैलरी मूर्तियां वापस दे रही है यह वहां की सरकारी गैलरी है। इसने न्यूयार्क स्थित सुभाष कपूर की गैलरी से मूर्तियां खरीदी थीं। मगर कपूर के पकड़े जाने के बाद यह पता चला कि मूर्तियां चोरी की हैं तो इस गैलरी ने मूर्तियां भारत को वापस की हैं। मेरे समय में भी चार मूर्तियां आस्ट्रेलिया ने अपने खर्च पर हमें वापस लौटाई थीं। कपूर के पास अमेरिकी नागरिकता भी है, उसका नेटवर्क दक्षिण भारत में रहा है।