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बारिश से आफतः मकान गिरने से नौंवी की छात्रा की मौत, दो घायल

बारिश से बृहस्पतिवार को एनसीआर में कई जगह मकान गिरे या जमीन धंसने से गिरने की कगार पर हैं। इसकी वजह से सैकड़ों लोग बारिश में बेघर होने को मजबूर हैं।

By Amit SinghEdited By: Published: Thu, 26 Jul 2018 08:46 PM (IST)Updated: Thu, 26 Jul 2018 08:46 PM (IST)
बारिश से आफतः मकान गिरने से नौंवी की छात्रा की मौत, दो घायल
बारिश से आफतः मकान गिरने से नौंवी की छात्रा की मौत, दो घायल

नई दिल्ली (जेएनएन)। बारिश के दौरान इमारतों के गिरने और उसमें रह रहे लोगों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। बृहस्पतिवार को भी दिल्ली एनसीआर में सुबह से हो रही बारिश लोगों के लिए आफत बनकर गिरी। इस दौरान गाजियाबाद में एक तीन मंजिला मकान की छत गिरने से नौंवीं कक्षा की एक छात्रा की मौत हो गई, जबकि दो बच्चे घायल हो गए। बारिश की वजह से बृहस्पतिवार को एनसीआर में कई जगह मकान गिरे या जमीन धंसने से कई मकान गिरने की कगार पर है। इसकी वजह से सैकड़ों लोग बारिश में बेघर होने को मजबूर हैं।

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मकान गिरने से छात्रा की मौत की घटना गाजियाबाद के साहिबाबाद अंतर्गत शहीद नगर में हुई है। बारिश की वजह से बृहस्पतिवार सुबह यहां एक तीन मंजिला मकान की छत गिर गई। ये मकान बुलंदशहर निवासी शेर सिंह उर्फ शेरा का है। वह अपने पांच बच्चों समेत परिवार के 15 सदस्यों के साथ इस मकान में रहते हैं। बृहस्पतिवार सुबह उनकी 14 वर्षीय बेटी अंजली तीसरी मंजिल की छत पर टहल रही थी।

इसी दौरान छत गिर गई। परिजन अंजली को लेकर तुरंते दिल्ली के गुरू तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने अंजली को मृत घोषित कर दिया गया। अंजली निजी स्कूल में नौवीं कक्षा की छात्रा थी। बताया जा रहा है कि छत गिरने से दो बच्चे और घायल हुए थे। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस और जांच टीमों को मकान में और दरारें मिली हैं। लिहाजा परिवार को तुरंत मकान खाली करने को कहा गया है।

पानी में करंट से मौत

बारिश के दौरान मौत की एक और घटना गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाना क्षेत्र की शिप्रा सन सिटी में हुई। यहां जलभराव में करंट आने से निजी कंपनी में मैनेजर के रूप में कार्यरत सरोजकांत दास (40) की मौत हो गई। सरोज अपने बच्चे को स्कूल छोड़कर आ रहे थे। इसी दौरान उन्हें करंट लगा और वह पानी मे गिर पड़े। स्थानीय लोगों ने उन्हें वहां से निकालने का प्रयास किया तो उन्हें भी करंट लग गया। किसी तरह बिजली आपूर्ति रोककर सरोज को पानी से निकाला गया और अस्पताल ले जाया गया। तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

नोएडा, गाजियाबाद व दिल्ली में कईयों की जान खतरे में

बृहस्पतिवार को बारिश के दौरान साहिबाबाद के आशोक वाटिका कॉलोनी में भी एक मकान का आधा हिस्सा गिर गया था। गनीमत ये रही कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ। ग्रेटर नोएडा के सुरजपुर स्थित मुबारकपुर में भी तीन मंजिला इमारत गिर गई। इमारत गिरने से तीन लोग मलबे में दबने से बचे। समय रहते तीनों को क्षतिग्रस्त मकान से बाहर निकालकर उनकी जान बचाई गई। इसके अलावा, नोएडा के सेक्टर-71 में निर्माणाधीन अस्पताल की दीवार गिर गई। हालांकि, इसमें कोई घायल नहीं हुआ। मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है।

वहीं, दिल्ली के वसुंधरा 4सी इलाके में दो जगह पर सड़क का बड़ा हिस्सा धंसने से कई घरों के गिरने का खतरा खड़ा हो गया है। एनडीआरएफ, सिविल डिफेंस, पुलिस फायर विभाग व प्रशासन की टीम मौके पर राहत कार्य में जुटी है। सड़क धंसने के बाद हादसे को देखते हुए प्रशासन ने वार्ता लोक के चार बिल्डिंग से 64 फ्लैट और प्रज्ञा कुंज अपार्टमेंट से एक बिल्डिंग के 16 फ्लैट को खाली करवाया गया।

हाईकोर्ट ने जलभराव पर लगाई फटकार

दिल्ली में हो रहे जलभराव पर 26 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने 17 जुलाई को मामले में स्वतः संज्ञान लेकर दिल्ली सरकार और नगर निगमों को 10 दिन में रिपोर्ट पेश करने को कहा था। बृहस्पतिवार को सुनवाई के दिन ही सुबह से दिल्ली एक बार फिर पानी-पानी हो गई। इसके बाद मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए दिल्ली सरकार से पूछा है कि यह राष्ट्रीय राजधानी है या कोई जंगल। मामले में हाईकोर्ट ने अब दिल्ली सरकार को हर क्षेत्र की मैपिंग करने के निर्देश दिए हैं।


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