Delhi Riots 2020: ताहिर हुसैन को दिल्ली हाई कोर्ट से मिलेगी बेल या अर्जी होगी खारिज, सुनवाई आज
Delhi Riots 2020 निचली अदालत द्वारा जमानत देने से इनकार करने के फैसले को ताहिर हुसैन ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। ताहिर हुसैन ने जमानत के पक्ष में कहा है कि उसके खिलाफ एफआइआर में सामान्य आरोप लगाए हैं और इसमें कोई विशेष आरोप नहीं हैं।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। दिल्ली दंगा 2020 मामले में मुख्य आरोपित पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका पर मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। निचली अदालत द्वारा जमानत देने से इनकार करने के फैसले को ताहिर हुसैन ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। ताहिर हुसैन ने जमानत के पक्ष में कहा है कि उसके खिलाफ एफआइआर में सामान्य आरोप लगाए हैं और इसमें कोई विशेष आरोप नहीं हैं। उसने यह भी दलील दी है कि मामले में आरोपित बनाए गए दस आरोपितों में से नौ को पहले ही जमानत मिल चुकी है। उधर, शिकायतकर्ता जीशान ने चार मार्च 2020 को एफआइआर दर्ज की गई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि शेरपुर चौक के पास उनकी दुकान थी और 25 फरवरी को उन्हें सूचना मिली थी उनकी दुकान में लूट हुई है और इसमें उन्हें 20 लाख रुपये का नुकसान हुआ। ताहिर पर दंगा फैलाने के अलावा मनी लांड्रिंग के मामले में भी प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपित बनाया है। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान फरवरी-2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे में 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
गौरतलब है कि ताहिर हुुसैन इंटैलिजेंस ब्यूरो के स्टाफ अंकित शर्मा की हत्या में भी आरोपित हैं, जिसको लेकर चार्जशीट भी दाखिल कर दी गई है। दिल्ली पुसिस की जांच में यह भी सामने आया है कि दंगों में आरोपित ताहिर हुसैन ने साजिश रची थी, जिसमें जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय का छात्र उमर खालिद भी शामिल था।
दिल्ली दंगों में संलिप्ततता पाए जाने पर जारी जांच में पता चला था कि ताहिर हुसैन और उसके रिश्तेदारों के स्वामित्व वाली कंपनियों ने भारी मात्रा में पैसा संदिग्ध संस्थाओं और हवाला लेनदेन में शामिल लोगों से लिया। जांच में ताहिर हुसैन और उसकी कंपनियों का अतीत में भी अवैध रूप से मनी लांड्रिंग में शामिल होने का भी पता चला था।
जांच में सामने आया है कि 24-25 फरवरी को हुए दंगें की साजिश एक महीने पहले ही रच ली गई थी। इसके लिए दक्षिण दिल्ली के शाहीन बाग में 8 जनवरी को बैठक हुई थी। इसमें निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन, जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद, यूनाइडेट अगेंस्ट हेट के सदस्य खालिद सैफी व पीएफआइ के सदस्य शामिल हुए थे। इसके बाद उमर खालिद व पीएफआइ सदस्यों ने ताहिर हुसैन को 1.10 करोड़ रुपये मुहैया कराए, जिन्हें योजना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए बांटा गया।