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Delhi Coronavirus : एक बार फिर लोगों के बीच जाकर कोरोना जांच करेगा स्वास्थ्य विभाग

Delhi Coronavirus स्वास्थ्य विभाग की माने तो बीते दिनों कोरोना संक्रमण के मामले अधिक थे और इस दौरान विभाग के कई स्वास्थ्य कर्मचारी संक्रमण की जद में थे जिसके कारण जांच प्रभावित हुई है। अब यह जोर पकड़ेगा।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 22 May 2021 04:48 PM (IST)Updated: Sat, 22 May 2021 04:48 PM (IST)
Delhi Coronavirus : एक बार फिर लोगों के बीच जाकर कोरोना जांच करेगा स्वास्थ्य विभाग
लाकडाउन खुलने से पूर्व सुपर स्प्रेडर की पहचान करेगा स्वास्थ्य विभाग

नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]।  कोरोना जांच के लिए अब यहां-वहां भटकने की जरूरत नहीं है, क्योंकि एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग आपके पास कोरोना जांच की सुविधा लेकर आने वाला है। यानि एक बार सार्वजनिक स्थान जैसे साेसाइटी परिसर, औद्योगिक क्षेत्र, पुर्नावास काॅलोनी, बस डिपो, रेलवे स्टेशन, सब्जी मंडी आदि स्थानों पर स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना जांच करते हुए नजर आएंगे। असल में कोरोना जांच के दायरे व संख्या को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है, ताकि उन संक्रमितों की भी पहचान हो सके जिनमें लक्षण तो नहीं है पर वे संक्रमण की जद में है।

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ऐसे लोग लाॅकडाउन खुलने के बाद सुप्रर स्प्रेडर साबित हो सकते है, इसलिए इनकी पहचान होना जरूरी है। फिलहाल दक्षिण-पश्चिमी और पश्चिमी जिले में रोजाना करीब सात हजार जांच हो रही है। स्वास्थ्य विभाग इस आंकड़े को दस हजार के पार ले जाने की दिशा में प्रयासरत है। स्वास्थ्य विभाग की माने तो बीते दिनों कोरोना संक्रमण के मामले अधिक थे और इस दौरान विभाग के कई स्वास्थ्य कर्मचारी संक्रमण की जद में थे, जिसके कारण जांच प्रभावित हुई है। पर अब जब मामले कम हो गए है और सरकार लाकडाउन खोलने की दिशा में विचार करने लगी है तो ऐसे में जांच को बढ़ाकर एक-एक संक्रमित व्यक्ति की पहचान करने की कोशिश की जाएगी। अच्छी बात यह है कि फिलहाल दोनों ही जिले की प्रत्येक डिस्पेंसरी व सरकारी अस्पताल में कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही जगह-जगह कैंप लगने के बाद लोग जांच कराने के लिए प्रेरित होंगे।

लोग नहीं आ रहे आगे

नजफगढ़ सब-डिवीजन के एसडीएम विनय कौशिक बताते हैं कि सब-डिवीजन के अंतर्गत आठ डिस्पेंसरी व दो अस्पताल है और सभी में रैपिड एंटीजन व आरटी-पीसीआर कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध है। पर रोजाना कुल 700 से 800 के बीच ही कोरोना जांच हो रही है। शुक्रवार की बात करें तो केवल 729 लोग ही जांच के लिए आगे आए है। लोग जांच के लिए क्यों आगे नहीं आ रहे यह समझ से परे है।

कोरोना जांच के नोडल आफिसर डा. पुष्पेंद्र बताते हैं कि जिले के अंतर्गत सभी डिस्पेंसरी, रावतुला राम अस्पताल व चौ. ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेदिक संस्थान सभी में नियमित रूप से कोरोना जांच हो रही है। जांच का कोई लक्ष्य तय नहीं है, जो लोग जांच के लिए आगे आएंगे उनकी जांच हर हाल में की जाएगी। पर फिलहाल लोग आगे नहीं आ रहे है। वहीं पश्चिमी जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की माने तो लाकडाउन टीकाकरण पर जोर व मामलों में आई कमी ये तीन बड़े कारण है, जिसके कारण लोग जांच के लिए आगे नहीं आ रहे है।

असल में मौजूदा हालात में लोगों का जांच से अधिक टीकाकरण पर अधिक जोर है। हर योग्य व्यक्ति चाहता है, उसका टीकाकरण हो जिससे वह कोरोना से सुरक्षित हो जाएं। टीका केंद्रों पर लंबी-लंबी कतार इस बात को साफ करती है। इसके अलावा लोगों को डर है कि जांच कराने के बाद यदि वे संक्रमित निकल गए तो 20 दिन घर में आइसोलेट रहना होगा और तीन माह तक वे टीकाकरण नहीं करा पाएंगे। अधिकारी बताते हैं कि जिनमें कोरोना के लक्षण है वे खुद डिस्पेंसरी व अस्पताल चलकर जांच के लिए आगे आ रहे है, पर हमारा लक्ष्य ऐसे लोगों की पहचान करना है जिनमें लक्षण नहीं है।

लोग जांच के लिए आगे नहीं आ रहे है तो हम लोगों के बीच जाकर उनकी जांच करेंगे। इसके लिए आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों से संपर्क किया जा रहा है कि कहां-कहां स्वास्थ्य विभाग कैंप लगा सकता है। इसके अलावा नांगलोई रेलवे स्टेशन, हरि नगर बस डिपो, पुर्नावास कालोनी, औद्योगिक क्षेत्र जैसे सार्वजनिक स्थानों पर जल्द ही स्वास्थ्य विभाग जांच शिविर का आयोजन करेगा।

डाॅ. नीरज राय, कोरोना जांच के नोडल आफिसर, पश्चिमी जिला


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