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'शुतुरमुर्ग की तरह आप रेत में सिर धंसाइये, हम ऐसा नहीं कर सकते' दिल्ली HC ने सरकार को लगाई लताड़

Delhi High court slams Centre कोर्ट ने कहा कि आपकी दलीलें अदालत को गुमराह नहीं कर सकती। हमें लगता है कि सरकार अंधी हो सकती है लेकिन अदालत कभी नहीं। लोगों की जान मुश्किल में है। आप यहां ऐसी दलील दे रहे हैं जिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

By Jp YadavEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 07:41 AM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 07:44 AM (IST)
'शुतुरमुर्ग की तरह आप रेत में सिर धंसाइये, हम ऐसा नहीं कर सकते' दिल्ली HC ने सरकार को लगाई लताड़
'शुतुरमुर्ग की तरह आप रेत में सिर धंसाइये, हम ऐसा नहीं कर सकते' दिल्ली HC ने सरकार को लताड़ा

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी/सुशील गंभीर] राजधानी दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में जारी ऑक्सीजन संकट के बीच इस मुद्दे पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई भी जारी है। आक्सीजन आपूर्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश पर भी कार्रवाई नहीं होने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने एक बार फिर केंद्र सरकार को जमकर सुनाया। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार शुतुरमुर्ग की तरह अपना सिर रेत में धंसा सकती है, लेकिन हम ऐसा नहीं करेंगे। पीठ ने कहा कि हर दिन हम अस्पताल और नर्सिंग होम की स्थितियों को देख रहे हैं। स्थिति यह है कि अस्पतालों में लोगों को बेड नहीं मिल रहे हैं जबकि आक्सीजन नहीं मिलने से अस्पताल लगातार अपने यहां बिस्तरों की संख्या कम कर रहे हैं। पीठ ने फैसले में कहा कि हमें दुख है कि आक्सीजन आपूर्ति के मामले को केंद्र सरकार द्वारा जैसे देखा चाहिए था, उसने नहीं देखा।

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आप अंधे हो सकते हैं हम नहीं हैं

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने पीठ से कहा कि सालिसिटर जनरल ने कहा था कि सिर्फ दिल्ली को ही आक्सीजन की समस्या है। हालांकि मैं इस तर्क से सहमत नहीं हूं। एएसजी द्वारा दिल्ली को आपूर्ति करने की दलील पर राहुल मेहरा ने कहा कि आप 420 मीट्रिक टन आपूर्ति कर रहे हैं और लोग मर रहे हैं। मेहरा की दलील को वाकपटुता बताने पर पीठ ने एएसजी चेतन शर्मा को आडे़ हाथ लिया। पीठ ने कहा कि यह वाकपटुता नहीं है, यह हकीकत है और मेहरा ने कोई गलत दलील नहीं दी है। पीठ ने कहा कि माफ करिए एएसजी शर्मा आप अंधे हो सकते हैं, लेकिन हम नहीं है। आप इतने असंवेदनशील कैसे हो सकते हैं।

जब लोग मर रहे हो तो यह भावनात्मक मामला है

मरीजों की मौत और विभिन्न मुद्दों पर पीठ द्वारा की गई कई तल्ख टिप्पणी पर एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि हमें भावनात्मक होने की जरूरत नहीं है। इसके जवाब में पीठ ने कहा कि लोगों की जान खतरे में है और यह भावनात्मक मामला है।

आपूर्ति में आइआइएम के ब्रिलियंट माइंड की मदद लीजिए

केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुई अधिवक्ता ऐश्वर्या भाटी ने पीठ से कहा कि हम टैंकर और आपूर्ति का पूरा डाटा पेश करेंगे। उन्होंने बताया कि रेलवे और एयरक्राफ्ट के माध्यम से आपूर्ति हर दिन के हिसाब से तय होती है। जबकि एएसजी ने बताया कि 138 क्रायोजेनिक टैंकर का आयात किया गया है। इसके जवाब में पीठ ने कहा कि आप क्या योजना बना रहे हैं और भविष्य में क्या करेंगे ये हम नहीं जानते, लेकिन आज पूरा देश आक्सीजन के लिए रो रहा है। पीठ ने कहा कि आप विशेषज्ञों को शामिल करिए और आइआइएम के ब्रिलियंट माइंड को इस काम में लगाइए।


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