यौन उत्पीड़न पीड़िता ने जांच से जताई असंतुष्टि, कार्यवाहक कुलपति को पत्र लिखकर जताई नाराजगी
पीड़िता ने कार्यवाहक कुलपति प्रो पीसी जोशी को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। साल 2017 में पीड़िता ने रसायन विज्ञान के प्रोफेसर के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी। कार्यवाहक कुलपति को लिखे पत्र में जिक्र है कि न्याय का इंतजार लंबा होता जा रहा है।
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। यौन उत्पीड़न की शिकायत करने वाली पीड़ित तदर्थ शिक्षका ने जांच से असंतुष्टि जताई है। पीड़िता ने कार्यवाहक कुलपति प्रो पीसी जोशी को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। साल 2017 में पीड़िता ने रसायन विज्ञान के प्रोफेसर के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी। कार्यवाहक कुलपति को लिखे पत्र में जिक्र है कि न्याय का इंतजार लंबा होता जा रहा है। हाल ही में हुई कार्यकारी परिषद की बैठक का भी जिक्र है। कहा गया है कि कार्यकारी परिषद ने जांच के लिए एक कमेटी गठित की। इसकी जानकारी भी पीड़िता को अखबारों के जरिए हुई।
जल्द-से-जल्द जांच कर अंतिम रिपोर्ट सौंपने की मांग
कार्यकारी परिषद के एक सदस्य ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब कमेटी गठित की गई है। अब तक दो से अधिक बार कमेटी गठित हो चुकी है। जल्द-से-जल्द जांच कर अंतिम रिपोर्ट सौंपनी चाहिए। न्याय में देरी नहीं करनी चाहिए। वहीं, डीयू डीन ऑफ कॉलेज बलराम पाणि ने कहा कि डीयू निष्पक्ष जांच का पक्षधर है। इसलिए कमेटी गठित की गई है।
गवर्निंग बाडी के गठन पर रार
डीयू कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज की गवर्निंग बाडी एक बार फिर चर्चा में है। हाल ही में प्राचार्य ने गवर्निंग बाडी के चेयरमैन पद पर महात्मा गांधी विवि, मेघालय के कुलपति प्रो राजन चोपड़ा की नियुक्ति की है। शिक्षकों के एक धड़े ने इस पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि पूर्व चेयरमैन ने चूंकि कॉलेज प्राचार्य के खिलाफ विभिन्न मसलों को लेकर एक जांच रिपोर्ट तैयार की थी, इस वजह से उन्हें हटाया गया। हालांकि, इस तरह के आरोपों को प्राचार्य ने सिरे से नकार दिया। प्राचार्य इंद्रजीत डागर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पूर्व चेयरमैन बीसी त्रिपाठी आंतरिक चेयरमैन थे। अब स्थाई नियुक्ति की गई है।