Delhi : 12 वर्षीय दिव्यांग किशोर को स्वजनों के सुपुर्द किया, बोलने और सुनने में था असमर्थ
दक्षिण पूर्वी जिले के पुलिस उपायुक्त राजेन्द्र प्रसाद मीणा ने बताया कि अपने रूटीन विजिट पर जिले की एएचटीयू टीम लाजपत नगर शेल्टर हाउस पहुंची थी। इस दौरान दो दिन पहले शेल्टर हाउस पहुंचे एक दिव्यांग किशोर की उन्हें जानकारी मिली।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दक्षिण पूर्वी जिले की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम (Anti Human Trafficking Team) ने चांदनी महल थाना क्षेत्र से लापता एक दिव्यांग किशोर को स्वजनों के सुपुर्द किया। किशोर दो दिन पहले लाजपत नगर स्थित एक शेल्टर हाउस में आया था। किशोर बोलने और सुनने में असमर्थ था, ऐसे में किशोर के घर का पता लगाने में टीम ने किशोर की फोटो दिल्ली के सभी थानों में साझा की और किशोर के स्वजनों का पता लगाया।
पूरे मामले के बाबत दक्षिण पूर्वी जिले के पुलिस उपायुक्त राजेन्द्र प्रसाद मीणा ने बताया कि अपने रूटीन विजिट पर जिले की एएचटीयू टीम लाजपत नगर शेल्टर हाउस पहुंची थी। इस दौरान दो दिन पहले शेल्टर हाउस पहुंचे एक दिव्यांग किशोर की उन्हें जानकारी मिली। टीम ने किशोर की कई तरीकों से काउंसिलिंग करने का प्रयास किया लेकिन किशोर कोई जानकारी नहीं दे पाया। ऐसे में पुलिस ने अपने वाट्सएप ग्रुपों और पुलिस ग्रुपों में साझा की लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
इसके बाद टीम ने जिपनेट की सहायता से आस-पास में लापता हुए किशोरों की जानकारी खंगालनी शुरु की तो एक किशोर चांदनी महल थाने से लापता दिखाई दिया। स्वजनों ने बच्चे के अपहरण की शिकायत पुलिस थाने में दी हुई थी। पुलिस टीम ने स्वजनों से संपर्क किया और बच्चे की तस्वीर साझा की। स्वजनों की तस्दीक के बाद महिला एवं बाल आयोग की सहायता से किशोर को स्वजनों के सुपुर्द किया। दक्षिण पूर्वी जिले की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम के इस प्रयास की दिल्ली के लोग तारीफ कर रहे हैं।
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