Move to Jagran APP

Delhi Riots: जेएनयू छात्रा गुलफिशा फातिमा करती है जेल कर्मियों के साथ दु‌र्व्यवहार

जेएनयू छात्रा ने गुलफिशा फातिमा ने कोर्ट में याचिका दायर कर जेल प्रशासन पर धर्म के आधार पर मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने व शिक्षित आतंकवादी कहे जाने का आरोप लगाया था। इसे तिहाड़ जेल ने निराधार बताया है।

By Edited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 10:57 PM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 08:15 AM (IST)
Delhi Riots: जेएनयू छात्रा गुलफिशा फातिमा करती है जेल कर्मियों के साथ दु‌र्व्यवहार
दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली दंगे की आरोपित व जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की छात्रा गुलफिशा फातिमा के आरोपों पर तिहाड़ जेल प्रशासन ने पूर्वी दिल्ली स्थित कड़कड़डूमा कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया। इसमें जेल प्रशासन ने कहा है कि गुलफिशा जेल के कर्मचारियों के साथ दु‌र्व्यवहार करती है। वह काफी आक्रामक रहती है। इससे पहले गुलफिशा ने कोर्ट में याचिका दायर कर जेल प्रशासन पर धर्म के आधार पर मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने व शिक्षित आतंकवादी कहे जाने का आरोप लगाया था। इसे तिहाड़ जेल ने निराधार बताया है।

prime article banner

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की कोर्ट ने याचिका पर जेल प्रशासन से जवाब मांगा था। जवाब में जेल प्रशासन ने कहा कि आरोपित के साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया गया। वह खुद जेल के कर्मचारियों के साथ दु‌र्व्यवहार करती है। उससे कई बार कहा गया कि वह कर्मचारियों के साथ दु‌र्व्यवहार न करे। व्यवहार में सुधार लाने के लिए उसे कई सुधारात्मक दंड दिए गए हैं। आरोपित द्वारा लगातार की जा रही शिकायतों को देखते हुए उसे अलग बैरक में रखा गया था।

प्रशासन ने कहा कि 15 अक्टूबर तक आरोपित जिस बैरक में थी, उसमें 48 मुस्लिम महिला कैदी भी थीं। गुलफिशा को छोड़ किसी ने इस तरह की शिकायत नहीं की। प्रशासन ने बताया कि याचिकाकर्ता ने दूध का ब्रांड बदलने की इच्छा जाहिर की थी। इस पर विचार करके ब्रांड को बदल दिया गया। इससे पता चलता है उसके साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है।

यहां पर बता दें कि पिछले दिनों गुलफिशा का जेल कर्मचारी के साथ विवाद हुआ था। इसके बाद कर्मचारी की ड्यूटी बदल दी गई और उसे कैदियों से नरमी से बात करने की हिदायत दी गई। जेल प्रशासन ने बताया कि गुलफिशा ने घास काटने के काम के लिए आवेदन किया था। लेकिन, उसकी शैक्षणिक योग्यता को देखते हुए उसे पढ़ाने का काम दिया गया। गुलफिशा और दो अन्य कैदियों को स्टडी रूम भी दिया गया।

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.