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इसे कहते हैं सत्ता सुख, यादव सिंह जैसा था रसूख, 10 साल में अरबपति बना जीएम

बसपा शासन काल में रविंद्र की प्राधिकरण में तूती बोलती थी। अपनी मर्जी से वह अधिकारियों से काम कराता था। प्रदेश में 2003 में सपा सरकार बनने के बाद भी उसके रुतबे में कोई कमी नहीं आई।

By Edited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 08:14 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 06:52 PM (IST)
इसे कहते हैं सत्ता सुख, यादव सिंह जैसा था रसूख, 10 साल में अरबपति बना जीएम
इसे कहते हैं सत्ता सुख, यादव सिंह जैसा था रसूख, 10 साल में अरबपति बना जीएम

नोएडा (जेएनएन)। आयकर विभाग के शिकंजे में फंसा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का पूर्व जीएम रविंद्र तोंगड़ कुछ ही दिनों में अरबों की संपत्ति का मालिक बन गया था। बसपा सरकार के नजदीक होने का फायदा उठाते हुए वह 2002 में प्राधिकरण में प्रबंधक के पद पर तैनात हुआ था।

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बसपा शासन काल में रविंद्र की प्राधिकरण में तूती बोलती थी। अपनी मर्जी से वह अधिकारियों से काम कराता था। प्रदेश में 2003 में सपा सरकार बनने के बाद भी उसके रुतबे में कोई कमी नहीं आई। प्राधिकरण में रविंद्र की मर्जी से ही भूखंड आवंटन होते थे। प्राधिकरण के आला अफसरों का वह करीबी रहा।

प्रदेश में 2007 में फिर से बसपा के सत्ता में आने पर रविंद्र जीएम बन बैठा। प्राधिकरण में चार महाप्रबंधक (जीएम) के पद सृजित किए गए। उसने प्रबंधक के पद से इस्तीफा दिया और सीधे जीएम के पद पर भर्ती हुआ। ग्रेटर नोएडा वेस्ट (नोएडा एक्सटेंशन) में बिल्डर परियोजनाओं के भूखंड आवंटन रविंद्र के कार्यकाल में ही हुए।

ग्रेटर नोएडा के साथ वह यमुना प्राधिकरण में भी महाप्रबंधक संपत्ति के पद पर तैनात रहा। आरोप है कि इस दौरान रविंद्र ने खूब काली कमाई की। पांच वर्ष वह अपने रसूख का फायदा उठाकर दोनों प्राधिकरणों में काली कमाई करता रहा। 2007 से 2012 के बीच उसने अकूत संपत्ति हासिल कर ली।

दादरी और ग्रेटर नोएडा में दो जगह स्कूल, नॉलेज पार्क में हास्टल, दादरी में बैंक्वट हाल, अल्फा दो सेक्टर में कार्मिशयल बिल्डिंग, देहरादून में ग्रुप हाउसिंग भूखंड, जेपी गोल्फ कोर्स में फ्लैट व विला, सिल्वर सिटी ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में फ्लैट, दिल्ली व मेरठ में कार्मिशयल बिल्डिंग का निर्माण भी रविंद्र ने किया।

आरोप है कि रविंद्र ने बसपा शासन काल के दौरान अपने पद का दुरुपयोग कर यह अकूत संपत्ति बनाई। रविंद्र के घर पर मई 2012 में भी आयकर का छापा पड़ा था। तब भी उसके घर से करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज और नकदी मिली थी। सपा सरकार बनने के बाद रविंद्र का प्राधिकरण में कद घटता गया। कुछ दिन तक उसने नौकरी की, लेकिन सरकार के दबाव में उसने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

इस्तीफा दे शुरू किया रियल एस्टेट कारोबार
रविंद्र तोंगड़ ने 2013 में प्राधिकरण के जीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति के बाद वह रियल एस्टेट के धंधे में लग गया। अल्फा दो सेक्टर में उसने कई मंजिला कार्मशियल बिल्डिंग का निर्माण किया है। देहरादून में भी फ्लैटों का निर्माण कर रहा है। दिल्ली व मेरठ में भी कामर्शियल बिल्डिंग बनाई है। रियल एस्टेट में उसका धंधा अच्छा चल रहा था।


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