नई दिल्ली [विनय तिवारी]। किसानों की ट्रैक्टर रैली की आड़ में राजधानी के लालकिला और अन्य जगहों पर जो उपद्रव मचाया गया उसका धीरे-धीरे खुलासा हो रहा है। स्पेशल सेल इसकी रणनीति तैयार करने वालों तक पहुंच रही है। स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के एक ट्वीट से इस पूरे मामले का खुलासा हो रहा है।
हालांकि ग्रेटा ने अपने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया था मगर तब तक उसके आधार पर रणनीति बना ली गई थी। देश में रहने वाली दिशा रवि ने इसमें कुछ चीजें और जोड़ी और फॉरवर्ड कर दिया। इसके बाद जूम मीटिंग हुई और 70 लोगों ने मिलकर इस पूरे हंगामे की रचना कर डाली। अब पुलिस इस हंगामे में शामिल रहे लोगों को पकड़कर उनके नाम उजागर कर रही है।
पुलिस ने लालकिला में उपद्रव फैलाने वाले कुछ मुख्य लोगों को पहले ही पकड़ चुकी है। कुछ इनामी अभी भी फरार है। दीप सिद्धू, इकबाल सिंह जैसे लोग गिरफ्त में आ चुके हैं। हम आपको बताते हैं कि टूलकिट का मामला सामने आने के बाद अब तक इस मामले में कितने लोगों के नाम सामने आ चुके हैं।
क्या है टूलकिट?
दरअसल टूलकिट एक ऐसा दस्तावेज होता है जिसमें किसी मुद्दे की जानकारी देने के लिए और उससे जुड़े कदम उठाने के लिए इसमें विस्तृत सुझाव दिए गए होते हैं। आमतौर पर किसी बड़े अभियान या आंदोलन के दौरान उसमें हिस्सा लेने वाले वॉलंटियर्स को इसमें दिशानिर्देश दिए जाते हैं।
ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट से चर्चा में आया टूलकिट
टूलकिट की शुरुआत चाइल्ड एक्टिविस्ट के तौर पर चर्चित रहीं ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunbergs) के ट्वीट से फिर से हो गई है। किसान आंदोलन के समर्थन में ग्रेटा थनबर्ग ने एक ट्वीट किया और एक टूलकिट (toolkit) नाम का एक डॉक्यूमेंट शेयर किया। इसको देखकर सोशल मीडिया पर काफी हंगामा हुआ।
दिशा रवि (Disha Ravi)
दिशा रवि बेंगलुरु के प्रतिष्ठित माउंट कार्मेल की छात्रा हैं। दिशा ने साल 2018 में ग्लोबल क्लाइमेट स्ट्राइक मूवमेंट शुरू करने वाली संस्था एफएफएफ की सह-संस्थापक हैं। उन्होंने माउंट कार्मल कॉलेज से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएशन किया है। वो इस समय गुड माइल्क कंपनी के साथ जुड़ी हुई हैं। दिशा के पिता रवि मैसूरु में एक एथलेटिक्स कोच हैं और उनकी मां एक गृहिणी हैं। देश में ‘फ्राइडे फॉर फ्यूचर’ अभियान के फाउंडर सदस्यों में दिशा रवि भी शामिल हैं।
निकिता जैकब (Nikita Jacob)
मुंबई के गोरेगांव में रहती है। मुबंई हाई कोर्ट में अधिवकता है। वह पर्यावरण सुधार के प्रति काम करती है। निकिता ने ही टूलकिट को एडिट किया था। उसके पास से पुलिस को दो लैपटाप और एक ऑइफोन मिला है। जांच में पता चला कि है कि निकिता ने इनके डेटा को डिलीट कर दिया है। पुलिस उसको बरामद करने के लिए मदद ले रही है।
शांतनु मुकुल (Shantanu Mukul)
महाराष्ट्र के बीड का रहने वाला शांतनु इंजीनियर है और पोएटिक जिस्टस फाउंडेशन का अहम कड़ी है। इसने टूलकिट के दस्तावेज तैयार किया था। दिशा की गिरफ्तारी के बाद से इन सभी के नाम सामने आए हैं।
पीटर फ्रेडरिक (Peter Fadrick)
पीटर फ्रेडरिक विदेश में रहता है, इसका नाम टूलकिट के रिसोर्स पर्सन के तौर पर सामने आया है। उसका संबंध खालिस्तानी आतंकी से है। वह बोलने और लेखन में कुशल है। लिहाजा वह खिलस्तानी संगठन का विशेष कार्यकर्ता बन गया। टूल किट मामले में पीटर का अहम रोल है। उसने ही तय किया था कि ट्वीट में हैशटैग क्या होगा, किसे फालोअप करना है और कब क्या ट्वीट करना है। इसकी तलाश में भारतीय सुरक्षा एजेंसियां वर्ष 2006 से ही लगी हुई हैं।
अनिता लाल (Anita Lal)
अब इस मामले में अनिता लाल का भी नाम सामने आया है। अनिता कनाडा में रहती है। वह पोएटिक जिस्टस फाउंडेशन की सह संस्थापक है। वह लंबे समय से धालीवाल के साथ रहकर गतिविधियां चला रही हैं। टूलकिट को पूरी तरह से तैयार करने में अनिता लाल भी शामिल हैं।
भजन सिंह भिंडरवाल उर्फ इकबाल चौधरी (Bhajan Singh Bhindarwal)
भजन सिंह भिंडर का एक नाम इकबाल चौधरी भी है, वो आइएसआइ से जुड़ा हुआ है। उसका एक सहयोगी लाल सिंह है वो भी ISI के लिे काम करता है। स्पेशल सेल को अब तक जो सूचनाएं मिली है उसके आधार पर ये कहा जा रहा है कि लालकिला उपद्रव मामले में भजन सिंह भी कहीं न कहीं से जुड़ा हुआ है। इन लोगों ने उपद्रव फैलाने में भूमिका निभाई है।
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