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अब तेंदुओं के गले में लगाई जाएगी GPS चिप, जानें कैसे लगेगी चिप

तेंदुओं को बेहोश करने के बाद उसके गले में चिप लगाया जाएगा। बेहोशी खत्म होने से पहले उसे उसके इलाके में छोड़ दिया जाएगा।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 06 Oct 2017 03:08 PM (IST)Updated: Fri, 06 Oct 2017 03:12 PM (IST)
अब तेंदुओं के गले में लगाई जाएगी GPS चिप, जानें कैसे लगेगी चिप
अब तेंदुओं के गले में लगाई जाएगी GPS चिप, जानें कैसे लगेगी चिप

गुरुग्राम (आदित्य राज)। आने वाले दिनों में अरावली पहाड़ी क्षेत्र के तेंदुओं के ऊपर सौ फीसद नजर रहेगी। इसके लिए सभी के गले में जीपीएस चिप लगाया जाएगा। इससे पता चल सकेगा कि वह कहां रह रहा है और किन-किन इलाकों में विचरण करता है।

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जानकारी के मुताबिक भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून ने अरावली पहाड़ी क्षेत्र के वन्य जीवों के ऊपर अध्ययन किया है।

अध्ययन के दौरान वन्य जीवों खासकर तेंदुओं की सुरक्षा को लेकर कुछ सुझाव दिए गए हैं। इनमें से एक सुझाव है सभी के गले में जीपीएस चिप लगाना।

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यह सिस्टम कंट्रोल रूम से जुड़ा रहेगा। इस तरह कंट्रोल रूम में बैठा कर्मचारी सभी तेंदुओं की गतिविधियों के ऊपर नजर रखेगा।

बेहोश करके लगाया जाएगा चिप

तेंदुओं को बेहोश करने के बाद उसके गले में चिप लगाया जाएगा। बेहोशी खत्म होने से पहले उसे उसके इलाके में छोड़ दिया जाएगा।

बता दें कि पिछले कुछ वर्षों से अरावली पहाड़ी क्षेत्र में पानी की कमी होती जा रही है। खासकर गर्मी के दौरान पानी की काफी कमी हो जाती है।

इस वजह से अपनी प्यास बुझाने के लिए तेंदुए रिहायशी इलाकों में पहुंच जाते हैं। रिहायशी इलाकों में पहुंचने के दौरान कई तेंदुए लोगों की चपेट में आ चुके हैं।

कुछ महीने पहले ही सोहना इलाके में लोगों ने एक तेंदुए को घेरकर मार दिया था। जीपीएस चिप लगाए जाने से तेंदुए सुरक्षित होंगे। साथ ही आसपास के इलाके में रहने वाले लोगों को भी परेशानी नहीं होगी।

कई इलाकों में लगे हुए हैं कैमरे

अरावली पहाड़ी क्षेत्र में कई जगहों पर कैमरे पहले से ही लगाए हुए हैं। इन कैमरों के सामने आने पर ही तेंदुओं या अन्य वन्य जीवों की गतिविधियां कैद होती हैं। जीपीएस चिप लगने के बाद तेंदुए कहीं भी घूमते हुए पहुंचेंगे, कंट्रोल  रूम में सबकुछ दिखाई देगा।

वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर कई स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। खासकर तेंदुओं की सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। इसी दिशा में जीपीएस वाइल्ड लाइफ ट्रैकिंग सिस्टम के ऊपर काम किया जाएगा।

गुरुग्राम के वन संरक्षक (वन्य जीव) विनोद कुमार का कहना है कि इससे तेंदुओं की गतिविधियों के ऊपर सौ फीसद नजर रहेगी।

जैसे ही वह रिहायशी इलाकों की तरफ रुख करेगा, वन कर्मी सक्रिय हो जाएंगे। यही नहीं यदि कोई तस्कर पीछे लगेगा तो पता चल जाएगा।
 


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