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Good News: एम्स में जल्द शुरू होगा देश का पहला जेरियाट्रिक ब्लाक, बुजुर्गों का इलाज होगा आसान

सेंटर में चिकित्सा सुविधाएं पूरी क्षमता के साथ शुरू होने के बाद भविष्य में एम्स इस केंद्र के माध्यम से बुजुर्गों को घर पर भी इलाज की सुविधा उपलब्ध करा सकता है। इस दिशा में अभी से कदम उठाए जा रहे हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 03 Oct 2021 06:10 AM (IST)Updated: Sun, 03 Oct 2021 09:22 AM (IST)
Good News: एम्स में जल्द शुरू होगा देश का पहला जेरियाट्रिक ब्लाक, बुजुर्गों का इलाज होगा आसान
साल के अंत तक इस जेरियाट्रिक ब्लाक में इलाज की सुविधा शुरू हो जाएगी।

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। बुजुर्गों के बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए एम्स में देश का पहला जेरियाट्रिक ब्लाक जल्द तैयार हो जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस ब्लाक में डाक्टरों व कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए 249 पद सृजित करने की स्वीकृति भी दे दी है। इसलिए उम्मीद है कि डाक्टरों व कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया भी जल्द शुरू हो जाएगी। इसके तहत 15 सहायक प्रोफेसर सहित 57 डाक्टर नियुक्त किए जाएंगे और साल के अंत तक इस जेरियाट्रिक ब्लाक में इलाज की सुविधा शुरू हो जाएगी, जो राष्ट्रीय एजिंग सेंटर के रूप में काम करेगा।

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घर पर भी इलाज की सुविधा उपलब्ध करा सकेगा यह सेंटर

इस सेंटर में चिकित्सा सुविधाएं पूरी क्षमता के साथ शुरू होने के बाद भविष्य में एम्स इस केंद्र के माध्यम से बुजुर्गों को घर पर भी इलाज की सुविधा उपलब्ध करा सकता है। इस दिशा में अभी से कदम उठाए जा रहे हैं। संस्थान के एक वरिष्ठ डाक्टर ने बताया कि घर पर इलाज का चलन तेजी से बढ़ रहा है। कई बड़े निजी अस्पताल यह सुविधा उपलब्ध भी करा रहे हैं।

बुजुर्गों को अस्पताल आने जाने में होती है परेशानी

बुजुर्गों को इलाज के लिए बार-बार अस्पताल पहुंचने में परेशानी होती है। इस वजह से गंभीर बीमारियों से पीड़ित पुराने बुजुर्ग मरीजों के फालोअप इलाज के लिए होम केयर की सुविधा उपलब्ध कराने की बात सोची गई है। इस वजह से होम केयर के लिए डाक्टरों के दो पद (एक सहायक प्रोफेसर व एक वरिष्ठ रेजिडेंट डाक्टर) स्वीकृत किए गए हैं। जेरियाट्रिक ब्लाक में इलाज की सुविधा शुरू होने के बाद होम केयर के लिए डाक्टरों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है।

एक छत के नीचे मिलेगी जांच व इलाज की सुविधा

इस नए ब्लाक में जेरियाट्रिक मेडिसिन के अलावा कार्डियोलाजी, आर्थोपेडिक्स, फिजिकल मेडिकल रिहैबिलिटेशन (पीएमआर), मनोचिकित्सा, सर्जरी, यूरोलाजी, रेडियोलाजी इत्यादि विभागों के डाक्टर नियुक्त किए जाएंगे। इसलिए बुजुर्गों को एक छत के नीचे जांच और इलाज की पूरी सुविधा मिल पाएगी।

कोरोना के कारण प्रोजेक्ट में हुई देरी

जून 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस ब्लाक के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था। करीब 330 करोड़ की लागत से फरवरी 2020 में इसका निर्माण पूरा होना था। कोरोना के कारण इसके निर्माण में देरी हुई है। अब अगले कुछ माह में यह तैयार हो जाएगा। इसमें 200 बेड की सुविधा होगी, जिसमें 20 आइसीयू बेड व 20 प्राइवेट वार्ड भी शामिल होंगे।

जेरियाट्रिक मेडिसिन के कम पद हुए स्वीकृत

एम्स ने जेरियाट्रिक ब्लाक के लिए कर्मचारियों के 342 पद स्वीकृत करने की मांग की गई थी। इसके तहत 27 फैकल्टी, 40 रेजिडेंट डाक्टर व 32 जूनियर डाक्टरों की जरूरत बताई गई थी। जबकि मंत्रालय ने 15 सहायक प्रोफेसर, 26 वरिष्ठ रेजिडेंट डाक्टर व 16 जूनियर रेजिडेंट डाक्टरों के पद को स्वीकृति दी है। खास तौर पर जेरियाट्रिक मेडिसिन के लिए डाक्टरों के लिए कम पद स्वीकृत किए गए हैं। एम्स ने जेरियाट्रिक मेडिसिन के आठ फैकल्टी व 10 वरिष्ठ रेजिडेंट डाक्टरों की जरूरत बताई थी लेकिन दो सहायक प्रोफेसर व पांच वरिष्ठ रेजिडेंट डाक्टरों के पद स्वीकृत किए गए हैं। इस वजह से डाक्टर थोड़े नाखुश हैं। वैसे मौजूदा समय में जेरियाट्रिक विभाग में दो वरिष्ठ फैकल्टी कार्यरत हैं। दो नए सहायक प्रोफेसर नियुक्त होने के बाद विभाग में जेरियाट्रिक मेडिसिन के चार स्थायी फैकल्टी हो जाएंगे।


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