सात दिन की रिमांड पर क्राइम ब्रांच को सौंपा गया गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी, पुलिस उगलवाएगी राज
क्राइम ब्रांच का कहना है कि आरोपित से उसके गिरोह व साथियों के बारे में पूछताछ की जानी है। जठेड़ी का गिरोह हरियाणा राजस्थान और दिल्ली में रंगदारी अपहरण लूटपाट जैसे मामलों में संलिप्त है। क्राइम ब्रांच उसके गिरोह की गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास करेगी।
फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। लारेंस बिश्नोई गिरोह के गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी को क्राइम ब्रांच सेक्टर-48 ने बुधवार को कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया। अदालत ने उसे सात दिन की रिमांड पर क्राइम ब्रांच को सौंपा है। क्राइम ब्रांच का कहना है कि आरोपित से उसके गिरोह व साथियों के बारे में पूछताछ की जानी है। जठेड़ी का गिरोह हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में रंगदारी, अपहरण, लूटपाट जैसे मामलों में संलिप्त है। क्राइम ब्रांच उसके गिरोह की गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास करेगी।
दो फरवरी 2020 को गुरुग्राम पुलिस संदीप उर्फ काला जठेड़ी को फरीदाबाद अदालत में पेशी के लिए लाई थी। अदालत में पेशी के बाद पुलिस बस में उसे वापस लेकर जा रही थी। गुरुग्राम मार्ग पर बदमाशों ने गुरुग्राम पुलिस की बस को घेर लिया और ताबड़तोड़ फायरिंग कर काला जठेड़ी को छुड़ाकर फरार हो गए। इस संबंध में फरीदाबाद के डबुआ थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। इसलिए फरीदाबाद पुलिस काला जठेड़ी की तलाश में थी।
फरीदाबाद क्राइम ब्रांच जठेड़ी को भगाने की साजिश में शामिल ज्यादातर आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। हरियाणा पुलिस ने जठेड़ी पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। करीब एक महीने पहले दिल्ली पुलिस ने काला जठेड़ी को दबोच लिया था। अब फरीदाबाद क्राइम ब्रांच दिल्ली से उसे प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई है।
फिलहाल इस गिरोह के लगभग सभी कमांडर जेल में हैं, मगर वो वहीं से बैठकर गुर्गों को निर्देश देते हैं। काला जठेड़ी को बाहर निकालने के लिए गुर्गों ने ही पहले दिल्ली में कारें लूटीं थी और असलाह जुटाया था। इस योजना के तहत पहले 30 दिसंबर को नरेश सेठी सफदरजंग अस्पताल में गुरुग्राम पुलिस की गिरफ्त से भागा। फिर उसने काला जठेड़ी को भगाने की योजना पर काम किया था, उसके बाद उसको अंजाम दिया गया।
दरअसल राजू बसौदी और सोनीपत राई के गांव जठेड़ी निवासी गैंगस्टर संदीप उर्फ काला ने अपराध का सफर साथ में शुरू किया था। सात-आठ साल पहले जठेड़ी जेल चला गया। उसे उम्रकैद की सजा हो गई। इसके बाद राजू बसौदी उसका गिरोह ऑपरेट करने लगा। वह जेल में बंद जठेड़ी के संपर्क में रहता था। जब लारेंस बिश्नोई गिरोह ने हरियाणा में दूसरे गिरोह से संपर्क बनाने शुरू किए तो राजू ने ही जठेड़ी गैंग, रोहतक की अनिल छिप्पी गैंग व पंजाब के संपत नेहरा गिरोह से टाइअप कराया। इस तरह यह पूरा गिरोह एक हो गया और लॉरेंस के नाम से चलने लगा।