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UP-उत्तराखंड और दिल्ली में करीब 5000 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेच चुका है गैंग, कहीं आप...

गिरोह के मास्टरमाइंड आदित्य गौतम ने रविन्द्र को करीब 600 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचे थे। इनमें से काफी इंजेक्शन उसने श्रवण कुमार और रीना के जरिये बिकवाए थे। श्रवण मूलरूप से रुड़की का रहने वाला है और पेशे से ग्राफिक्स डिजाइनर है।

By Jp YadavEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 11:15 AM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 11:15 AM (IST)
UP-उत्तराखंड और दिल्ली में करीब 5000 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेच चुका है गैंग, कहीं आप...
UP-उत्तराखंड और दिल्ली में करीब 5000 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेच चुका है गैंग, कहीं आप...

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन तैयार करने वाले गिरोह के सात आरोपितों से पूछताछ में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को कई सनसनीखेज जानकारी मिली है। पुलिस के मुताबिक आरोपित उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के विभिन्न शहरों में करीब पांच हजार नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेच चुके हैं। आरोपित 20 से 40 हजार रुपये में एक नकली इंजेक्शन का सौदा करते थे। क्राइम ब्रांच ने सातों से पूछताछ के बाद तीन और आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान रविन्द्र त्यागी, श्रवण कुमार और रीना कुमारी के रूप में हुई है। रविन्द्र त्यागी कानपुर का रहने वाला है।

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गिरोह के मास्टरमाइंड आदित्य गौतम ने रविन्द्र को करीब 600 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचे थे। इनमें से काफी इंजेक्शन उसने श्रवण कुमार और रीना के जरिये बिकवाए थे। श्रवण मूलरूप से रुड़की का रहने वाला है और पेशे से ग्राफिक्स डिजाइनर है। श्रवण एक अन्य आरोपित के जरिये रेमडेसिविर का नकली स्टीकर रुड़की में ही तैयार करता था। वहीं, रीना दिल्ली के उत्तम नगर की रहने वाली है। पुलिस ने बताया कि तीनों ने पिछले साल ही मास्क, दस्ताने, सैनिटाइजर और अन्य मेडिकल उपकरण बेचने का काम शुरू किया था। जल्द अधिक पैसा कमाने के लालच में इन्होंने मेडिकल उपकरणों और रेमडेसिविर जैसी जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी शुरू कर दी थी। सभी आरोपितों ने मिलकर कोटद्वार में एक फार्मा कंपनी भी लीज पर ली थी। पुलिस ने बताया कि आरोपितों ने टाइफाइड में इस्तेमाल किए जाने वाले एंटीबायोटिक टेकोसेफ इंजेक्शन को बड़ी संख्या में खरीद लिया था।

दरअसल, उसकी शीशी रेमडेसिविर की शीशी से काफी मिलती जुलती है। इसी का फायदा उठाकर आरोपित टेकोसेफ का स्टीकर हटाकर कर उस पर रेमडेसिविर का स्टीकर चिपका देते थे। जांच में यह भी पता चला है कि गिरोह के सदस्यों से कई लोगों ने नकली रेमडेसिविर खरीदकर उसे स्टोर कर लिया है।

ज्ञात हो कि क्राइम ब्रांच ने गत 25 अप्रैल को महिला समेत सात आरोपितों को नकली रेमडेसिविर बेचने के आरोप में दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया था। इनके पास से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की 198 वाइल, एक पैकेजिंग मशीन, एक बैच को¨डग मशीन, इस्तेमाल किए हुए रेमडेसिविर के 3000 खाली पैकेट और एजिथ्रो मायसीन की सामग्री व एक लैपटॉप बरामद हुआ था। इसके अलावा इनके पास से एक स्कूटी और एक स्कार्पियो भी जब्त की गई थी।


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