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हिंदू कॉलेज के पूूर्व छात्र उठाएंगे जरुरतमंद छात्रों का पढ़ाई खर्च

पूर्व छात्र एसोसिएशन (ओएसए) ने जरूरतमंद छात्रों की पढ़ाई का खर्चा उठाने की घोषणा की है। ओएसए अध्यक्ष रवि बर्मन ने कहा कि कोरोना से उपजे हालातों ने आर्थिक रुप से कमजोर छात्रों के सामने कई समस्याएं खड़ी कर दी हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 06:45 AM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 11:37 AM (IST)
हिंदू कॉलेज के पूूर्व छात्र उठाएंगे जरुरतमंद छात्रों का पढ़ाई खर्च
हिंदू कॉलेज के पूूर्व छात्र उठाएंगे जरुरतमंद छात्रों का पढ़ाई खर्च।

नई दिल्ली, संजीव कुमार मिश्र। कोरोना काल में छात्रों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में जरुरतमंद छात्रों की मदद के लिए हिंदू कॉलेज के पूर्व छात्र आगे आए हैं। पूर्व छात्र एसोसिएशन (ओएसए) ने जरूरतमंद छात्रों की पढ़ाई का खर्चा उठाने की घोषणा की है। ओएसए अध्यक्ष रवि बर्मन ने कहा कि कोरोना से उपजे हालातों ने आर्थिक रुप से कमजोर छात्रों के सामने कई समस्याएं खड़ी कर दी हैं। इसके तहत वह कॉलेज की वार्षिक जमा करने के लिए जूझ रहे हैं।

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बर्मन ने कहा कि इन हालातों को देखते हुए ओएसए ने फैसला लिया है कि वह छात्रों की आर्थिक रुप से मदद करेगी। जिन छात्रों के अभिभावकों की वार्षिक आय 5 लाख से कम है। उन्हें एक बार में 20 हजार रुपये की मदद की जाएगी। छात्रों को मदद प्राप्त करने के लिए अभिभावक का आय प्रमाण पत्र हिंदू कॉलेज के अकाउंट विभाग के महेश रावत को उनके ईमेल maheshrawathinducollege@gmail.com पर भेजकर आवेदन करना होगा।

इतना ही नहीं छात्रों की आर्थिक मदद के लिए ओएसए-प्रिंसिपल पीसी वर्मा स्टडी ग्रांट फंड बनाने की योजना है। इसकी मदद से जरुरतमंद छात्रों का वार्षिक शुल्क जमा किया जाएगा। एसोसिएशन ने पूर्व छात्रों से अपील की है कि वो आगे आएं ताकि छात्रों की मदद संभव हो सके।

जेएनयू के आठ प्रोफेसरों ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र

इधर, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के स्कूल ऑफ फिजिकल साइंस के आठ प्रोफेसरों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। प्रोफेसरों ने हाल ही में स्कूल में हुई नियुक्तियों में नियमों की अवहेलना का आरोप लगाया है। पत्र में कहा गया है कि नियुक्तियों में धांधली की जा रही है। कई पदों पर अयोग्य उम्मीदवारों का चयन हुआ है। जेएनयू शिक्षक संघ की सचिव प्रो. मौसमी बसु ने बताया कि किसी भी विवि में नियुक्ति की प्रक्रिया उचित होनी होनी चाहिए। वहीं, इन आरोपों के संबंध में जेएनयू के रजिस्ट्रार डॉ. प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि सलेक्शन कमेटी ने जिसे उपयुक्त पाया, उसे ही नियुक्त किया। कैसे कोई शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठा सकता है? खासकर तब, जब वह नियुक्ति प्रक्रिया का हिस्सा भी नहीं है?

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