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एनएसई के पूर्व अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम की जमानत याचिका खारिज, पढ़िए कोर्ट ने क्यों कही साक्ष्य से छेड़छाड़ करने वाली बात

नौ मार्च तक सीबीआइ हिरासत में रहने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। स्वामी ने अधिवक्ता अर्शदीप सिंह खुराना के माध्यम से याचिका दायर कर दलील दी थी कि उन्हें मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है।

By Vineet TripathiEdited By: Pradeep ChauhanPublished: Thu, 24 Mar 2022 07:32 PM (IST)Updated: Thu, 24 Mar 2022 07:32 PM (IST)
एनएसई के पूर्व अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम की जमानत याचिका खारिज, पढ़िए कोर्ट ने क्यों कही साक्ष्य से छेड़छाड़ करने वाली बात
आनंद के खिलाफ गंभीर आरोप हैं और इस स्तर पर उसकी जमानत का कोई आधार नहीं बनता है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) के ग्रुप-आपरेटिंग आफिसर व एनएसई के पूर्व एमडी के सलाहकार आनंद सुब्रमण्यम की जमानत याचिका राउज एवेन्यू की विशेष सीबीआइ अदालत ने जमानत याचिका खारिज की।विशेष सीबीआइ न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने कहा कि जमानत मिलने पर पूरी संभावना है कि सुब्रमण्यम साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ करने के साथ गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। अदालत ने कहा कि ऐसे में जब जांच चल रही है और अभी आरोप पत्र दाखिल किया जाना बाकी है। आनंद को जमानत नहीं दी जा सकती है।

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अदालत ने यह भी कहा कि इतना ही जांच एजेंसी ने पहले उन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ईमेल नंबर डिलीट कर दिया है। जिसे जांच के दौरान एक्सेस किया गया था।अदालत ने कहा कि जांच के इस स्तर पर अभियोजन पक्ष को अलग-अलग बिखरे बिंदुओं पर काम करना है और आरोप पत्र को अंतिम रूप देना है।जांच प्रारंभिक चरण में है और आरोप पत्र दाखिल होने के बाद ही ठोस रूप में मामला सामने आएगा। आनंद के खिलाफ गंभीर आरोप हैं और इस स्तर पर उसकी जमानत का कोई आधार नहीं बनता है।

हिमालय योगी का सच सामने आना है बाकी: अदालत ने कहा ऐसे में जब जांच एजेंसी हिमालयी योगी का असली चेहरा अदालत के सामने लाने के लिए जांच कर रही है जोकि हिमालय के रूप में मायावी है।

यह है मामला: एनएसई की पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण को एक्सचेंज में हेरफेर के एक मामले में सुब्रमण्यम को 24 फरवरी को सीबीआइ ने गिरफ्तार किया था। नौ मार्च तक सीबीआइ हिरासत में रहने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। स्वामी ने अधिवक्ता अर्शदीप सिंह खुराना के माध्यम से याचिका दायर कर दलील दी थी कि उन्हें मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है।

उन्होंने दावा किया था कि आरोप उनसे जुड़े नहीं है और एफआइआर को पढ़ने से पता चलता है कि कोई अपराध नहीं है।वहीं, सीबीआइ ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि सुब्रमण्यम को जमानत पर रिहा करने से जांच प्रभावित हो सकती है।आनंद एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं।सीबीआइ ने कहा कि उसने 832 जीबी डाटा बरामद किया गया है।


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