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1984 के सिख दंगे में सजा काट रहे पूर्व एमएलए महेंद्र यादव की कोरोना से मौत

1984 के सिख दंगे में सजा काट रहे पूर्व एमएलए महेंद्र यादव की कोरोना से मौत हो गई है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 06:13 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 06:13 PM (IST)
1984 के सिख दंगे में सजा काट रहे पूर्व एमएलए महेंद्र यादव की कोरोना से मौत
1984 के सिख दंगे में सजा काट रहे पूर्व एमएलए महेंद्र यादव की कोरोना से मौत

नई दिल्‍ली, जागरण संवाददाता। 1984 के सिख दंगे में सजा काट रहे पूर्व एमएलए महेंद्र यादव की कोरोना से मौत हो गई है। महेंद्र यादव पालम विधान सभा से विधायक रहे थे। यादव फिलहाल जेल में बंद थे। उन्हें 84 के सिख दंगे में सीबीआइ द्वारा जांच के बाद कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद जेल में ही उन्‍हें कोरोना संक्रमण ने अपनी चपेट में ले लिया। बता दें कि कोरोना से किसी कैदी की यह दूसरी मौत है।

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मंडोली जेल में काट रहे थे सजा

1984 में हुए सिख विरोधी दंगे में मंडोली जेल में दस साल की सजा काट रहे पूर्व विधायक महेंद्र यादव की शनिवार शाम द्वारका स्थित एक आकाश हेल्थ केयर अस्पताल में मौत हो गई। जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया कि कोरोना संक्रमित होने के बाद पूर्व विधायक को मंडोली जेल से लोकनायक अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां से परिवार वालों के आग्रह पर उन्हें आकाश हेल्थ केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच भी की जा रही है।

सिख दंगे में पाए गए थे दोषी

महेंद्र यादव को 1984 में हुए सिख दंगा मामले में अदालत ने दोषी पाया था और दस साल की सजा सुनाई थी। इन्हें पालम कॉलोनी स्थित राजनगर में पांच सिखों की हत्या के मामले में सजा दी गई थी। सजा पाने वालों में पूर्व सांसद सज्जन कुमार भी शामिल थे। इस मामले में महेंद्र यादव ने वर्ष 2018 में आत्मसमर्पण किया था। वे मंडोली के जेल संख्या-14 में सजा काट रहे थे। वह पालम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रह चुके थे। जेल अधिकारियों ने बताया कि 15 जून को जेल नंबर-14 में एक कैदी की जेल में मौत हो गई थी। कोविड जांच के दौरान पता चला कि वह कोरोना संक्रमित था। इसके बाद जेल प्रशासन ने उसके साथ रह रहे अन्य कैदियों की भी कोविड जांच कराई, जिसमें 17 कैदी संक्रमित पाए गए। जिन 12 कैदियों के निगेटिव रिपोर्ट आए थे, उनकी पांच दिन के बाद दोबारा कोविड जांच कराई गई, जिसमें तीन संक्रमित पाए गए। इन तीन लोगों में महेंद्र यादव भी शामिल थे।

सांस लेने में तकलीफ के बाद अस्‍पताल में हुए थे भर्ती

26 जून को महेंद्र यादव को सांस लेने में तकलीफ होने पर दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें लोकनायक अस्पताल में रेफर कर दिया गया। 30 जून को उन्हें द्वारका सेक्टर-3 स्थित आकाश हेल्थकेयर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान शनिवार शाम को उपचार के दौरान इनकी मौत हो गई।

कांग्रेस की टिकट से मिली थी जीत

1998 में हुए थे पालम से निर्वाचित द्वारका स्थित बागडोला गांव के महेंद्र यादव वर्ष 1998 में पालम विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रत्याशी बनाए गए थे। भाजपा के उम्मीदवार धर्मदेव सोलंकी को हराया था। ये सज्जन कुमार के बेहद खास माने जाते थे। महेंद्र यादव की गिनती तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के विश्वासपात्रों में होती थी। इनके परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटे व एक बेटी हैं।


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