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भ्रष्‍टाचार के मामले में पूर्व आइएएस अफसर की हो सकती है गिरफ्तारी

आरोपी सेवानिवृत्‍त आइएएस अफसर तुलसी गौड़ पर उप्र चर्म विकास एवं विपणन निगम लिमिटेड आगरा में प्रबंध निदेशक पद पर रहते हुए अनियमितता और राजकीय धन के गबन का आरोप है। उन्‍होंने पत्‍नी की कंपनी के नाम पर अवैध तरीके से 2 लाख 56 हजार रुपये ट्रांसफर किए।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 05:40 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 05:40 PM (IST)
भ्रष्‍टाचार के मामले में पूर्व आइएएस अफसर की हो सकती है गिरफ्तारी
पूर्व आइएएस अफसर की गिरफ्तारी की सांकेतिक फोटो।

लखनऊ/ नई दिल्‍ली, जेएनएन। यूपी में योगी सरकार का भ्रष्‍टाचार पर तेजी से शिंकंजा कसता जा रहा है। इसी कड़ी में यूपी में तैनात रहे पूर्व आइएएस अफसर को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है। उनके खिलाफ धारा 82 दंड प्रक्रिया की उद्घोषणा न्‍यानयालय द्वारा जारी कर दी गई है।  

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इस बारे में आइओ (जांच अधिकारी) देवेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपी सेवानिवृत्‍त आइएएस अफसर तुलसी गौड़ पर उप्र चर्म विकास एवं विपणन निगम लिमिटेड, आगरा में प्रबंध निदेशक पद पर रहते हुए अनियमितता और राजकीय धन के गबन का आरोप है। आरोप है कि उन्‍होंने अपनी पत्‍नी की कंपनी के नाम पर अवैध तरीके से 2 लाख 56 हजार रुपये ट्रांसफर किए।

इस बारे में विशेष न्‍यायधीश भ्रष्‍टाचार निवारक अधिनियम कोर्ट संख्‍या 3 लखनऊ द्वारा उपरोक्‍त उद्घोषणा आरोपी अधिकारी के विरूद्ध जारी किया गया गया है, जिसका अनुपालन उप्र सर्तकता अधिष्‍ठान द्वारा आरोपी अधिकारी के दिल्‍ली के रोहिणी स्थित स्‍टार अपार्टमेंट के आवास पर किया गया।      

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