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हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला रिहाई के लिए पहुंचे दिल्ली HC, अगले हफ्ते होगी सुनवाई

Haryana Teacher Recruitment Scam दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की पीठ ने ओम प्रकाश चौटाला की याचिका को दो सदस्यीय पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए स्थानांतरित कर दिया। याचिका पर अगली सुनवाई 23 फरवरी को होगी।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 20 Feb 2021 09:10 AM (IST)Updated: Sat, 20 Feb 2021 10:43 AM (IST)
हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला रिहाई के लिए पहुंचे दिल्ली HC, अगले हफ्ते होगी सुनवाई
ओमप्रकाश चौटाला और बेटे अजय चौटाला को 2013 में जेबीटी भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा सुनाई गई थी।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Haryana Teacher Recruitment Scam: टीचर भर्ती घोटाला मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने राहत के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है।  हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने रिहाई की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की पीठ ने याचिका को दो सदस्यीय पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए स्थानांतरित कर दिया। याचिका पर अगली सुनवाई 23 फरवरी को होगी। पीठ ने इसके साथ ही ओपी चौटाला की पैरोल को 23 फरवरी तक के लिए बढ़ा दिया, जोकि 21 फरवरी को समाप्त हो रही है। अधिवक्ता अमित साहनी के माध्यम से दायर याचिका में ओपी चौटाला ने कहा है कि उनकी रिहाई के संबंध में हाई कोर्ट ने नवंबर 2019 व फरवरी 2020 में दिल्ली सरकार को उचित फैसला लेना का निर्देश दिया था। हालांकि, अब तक इस पर कोई फैसला नहीं हो सका है। ओम प्रकाश चौटाला ने अपनी उम्र और दिव्यांगता के आधार पर जेल से रिहाई की मांग की गई है।

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दिल्ली सरकार ने रिहाई का किया विरोध

इससे पहले दायर याचिका में चौटाला ने केंद्र सरकार की 18 जुलाई, 2018 की अधिसूचना का हवाला दिया था। अधिसूचना के तहत 60 वर्ष की उम्र पार कर चुके पुरुष, 70 फीसद दिव्यांग व बच्चे अगर आधी सजा काट चुके हैं, तो राज्य सरकार रिहाई पर विचार कर सकती है। याचिका में चौटाला ने कहा था कि उनकी उम्र 86 वर्ष है और भ्रष्टाचार के मामले में वे सात साल की सजा काट चुके हैं। चौटाला ने यह भी दावा किया था कि वह अप्रैल 2013 में 60 फीसदी दिव्यांग हो चुके थे और जून 2013 में पेसमेकर लगाए जाने के बाद से वे 70 फीसदी से ज्यादा दिव्यांग हो चुके हैं। इस तरह से वे केंद्र सरकार के जल्दी रिहाई की सभी शर्तो को पूरा कर रहे हैं। हालांकि, दिल्ली सरकार ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि यह भ्रष्टाचार का मामला है और भारत सरकार की अधिसूचना इस पर लागू नहीं होती।

यह था मामला

वर्ष 2000 में हुई 3,206 पदों पर शिक्षक भर्ती के मामले में विशेष सीबीआइ अदालत ने 2013 में ओपी चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला समेत 53 लोगों के खिलाफ सजा सुनाई थी। इसमें तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक आइएएस अधिकारी संजीव कुमार भी शामिल थे।


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