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शीला दीक्षित को मिली दिल्ली कांग्रेस की कमान, अजय माकन ने कही ये बातें

शीला दीक्षित देश की ऐसी पहली महिला मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने लगातार तीन बार मुख्यमंत्री पद संभाला। इसके अलावा वह केरल की पूर्व राज्यपाल भी रह चुकीं हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 01:40 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 06:35 PM (IST)
शीला दीक्षित को मिली दिल्ली कांग्रेस की कमान, अजय माकन ने कही ये बातें
शीला दीक्षित को मिली दिल्ली कांग्रेस की कमान, अजय माकन ने कही ये बातें

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली में कांग्रेस का नया चीफ कौन होगा? इसका इंतजार बृहस्पतिवार को खत्म हो गया है। जो खबर आ रही है उसके मुताबिक, लगातार 15 सालों तक दिल्ली की सत्ता पर बतौर मुख्यमंत्री राज करने वाली शीला दीक्षित दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (DPCC) की अध्यक्ष होंगी। इसके साथ ही देवेंद्र यादव, हारून यूसुफ और राजेश लिलोठिया को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। अध्‍यक्ष पद के एलान के बाद मीडिया से रू-ब-रू होते हुए शीला दीक्षित ने कहा कि मैं सम्‍मानित महसहूस कर रही हूं। वहीं अजय माकन ने शीला दीक्षित को बधाई देते हुए कहा कि उनके अधीन मुझे काम करने का मौका मिला है। मुझे संसदीय सचिव एवं कैबिनेट मंत्री के रूप में काम करके सीखने का सुअवसर मिला है।

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इधर, पार्टी सूत्रों का कहना है कि जिस तरह पार्टी में अंदरूनी कलह है, उसे बहुत हद तक पाटने का काम शीला दीक्षित कर सकती हैं। ऐसे में शीला दीक्षित दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मुफीद हैं।

पहले से ही जहां अध्यक्ष के तौर पर जहां शीला दीक्षित का नाम सबसे आगे बताया जा रहा था, वहीं पूर्व पीसीसी चीफ जेपी अग्रवाल, राजेश लिलोठिया, योगानंद शास्त्री व देवेंद्र यादव का नाम भी चर्चा में था। 

करीबन 20 लोगों ने ठोका था दांव
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद को लेकर ऊपर-ऊपर तो 4-5 नाम ही चल रहे थे, मगर दावेदारी 15 से 20 वरिष्ठ नेता ठोक चुके थे। इनमें कई पूर्व अध्यक्ष, सांसद, मंंत्री और विधायक शामिल थे। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) में सचिव पद की जिम्मेदारी संभाल रहे कई नेता भी इस दौड़ में शामिल थे। यह अलग बात है कि अध्यक्ष पद के लिए जितने अधिक नाम थे, उतना ही उन्हें लेकर विरोधाभास भी था। आपस में ही एक दूसरे की काट करने का दौर भी जोरों पर चल रहा था, लेकिन आखिरकार बाजी शीला दीक्षित के हाथ लगी।  

जानिये- क्यों था शीला का नाम सबसे आगे
DPCC अध्यक्ष के तौर पर शीला दीक्षित का नाम सबसे आगे होने की कई वजहें थीं। जहां दलित के तौर पर राजेश लिलोठिया, पंजाबी चेहरे के तौर पर प्रह्लाद सिंह साहनी और अरविंदर सिंह लवली थे तो जाट चेहरे में योगानंद शास्त्री का नाम भी थे। इसके अलावा, भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी की काट के लिए पूर्वांचली चेहरे के तौर पर महाबल मिश्रा के नाम की चर्चा थी। इस सबके बीच शीला दीक्षित का 15 साल तक दिल्ली में सफल सरकार चलाने का अनुभव सब पर भारी पड़ गया।

यहां पर बता दें कि शीला दीक्षित ऐसी कद्दावर नेता हैं, जिनका लोहा विरोधी दल आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी भी मानती है। शीला दीक्षित देश की ऐसी पहली महिला मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने लगातार तीन बार मुख्यमंत्री पद संभाला है। इसके अलावा वे केरल की पूर्व राज्यपाल भी रह चुकीं हैं, यह अलग बात है कि यहां पर उनका कार्यकाल पूरा नहीं हुआ।  


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