दिल्ली के प्रदूषण पर अब विदेशी विश्वविद्यालय करेगा शोध, सामने आएगी असली वजह
दिल्ली में प्रदूषण की सबसे बड़ी समस्या पीएम 10 और पीएम 2.5 का बढ़ता स्तर है। सड़क की धूल को पीएम 2.5 के लिए 38 फीसद और गाड़ियों को 20 फीसद तक जिम्मेदार माना गया था।
नई दिल्ली [जेएनएन]। राजधानी में प्रदूषण की जड़ का पता लगाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। वन एवं पर्यावरण विभाग इसके लिए एक विस्तृत अध्ययन करवाने जा रहा है। इसे यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन से कराया जा सकता है। विभाग ने इसको लेकर औपचारिक प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है।
सामने आएगी प्रदूषण की असली वजह
जानकारी के मुताबिक अगले वित्त वर्ष में इस अध्ययन की शुरुआत हो जाएगी। यदि यह प्रयोग सफल रहा तो भविष्य में रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम के तहत वायु प्रदूषण पर काबू करने के लिए भी इसे ही लागू किया जाएगा। इसके बाद प्रदूषण की असली वजह बताई जा सकेगी। इस तरह का अध्ययन दिल्ली में पहली बार कराया जा रहा है। इससे पहले दिल्ली में प्रदूषण के कारणों का पता लगाने के लिए 2016 में आइआइटी कानपुर ने ऐसा अध्ययन किया था।
प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या
आइआइटी कानपुर ने यह अध्ययन 2013-14 की सर्दियों और 2014 की गर्मियों में किया था। इसमें कहा गया था कि दिल्ली में प्रदूषण की सबसे बड़ी समस्या पीएम 10 और पीएम 2.5 का बढ़ता स्तर है। इस अध्ययन में सड़क की धूल को पीएम 2.5 के लिए 38 फीसद और गाड़ियों को 20 फीसद तक जिम्मेदार माना गया था।
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