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World Book Fair 2020: दूर देशों की संस्कृति से रूबरू कराती हैं विदेशी मंडप की पुस्तकें

श्रीलंका के स्टॉल पर केवल अंग्रेजी की किताबें प्रदर्शित की गई हैं। यहां की सभी किताबें श्रीलंका के जंगल जानवर धरती और मान्यताओं का आइना हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 09:52 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 09:52 PM (IST)
World Book Fair 2020: दूर देशों की संस्कृति से रूबरू कराती हैं विदेशी मंडप की पुस्तकें
World Book Fair 2020: दूर देशों की संस्कृति से रूबरू कराती हैं विदेशी मंडप की पुस्तकें

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। World Book Fair: विश्व पुस्तक मेले में सुदूर देशों की संस्कृति से रूबरू कराने वाली किताबें भी साहित्य प्रेमियों को खूब लुभा रही हैं। इनमें दो सार्क (दक्षिण एशियाई सहयोग संगठन) देशों नेपाल व श्रीलंका की किताबें भी खासतौर पर उल्लेखनीय हैं। यहां की किताबें इन देशों की संस्कृति, साहित्य, पर्यटन व रहन-सहन का आइना ही नहीं बल्कि वहां के व्यवहार एवं विचाराधारा की भी झलक प्रस्तुत करती हैं।

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नेपाल की किताबों में दिख रही वहां की खानपान की जानकारी

हॉल नं. 7 ए, बी और सी में लगे इस मंडप में नेपाल के ‘व्हाइट लोटस’ स्टॉल पर नेपाली कला, साहित्य, संस्कृति, पर्यटन एवं खानपान से जुड़ीं किताबें हैं। यह किताबें जर्मन, इंग्लिश, फ्रेंच, हिंदी, स्पेनिश, नेपाली और मैथिली भाषा में लिखी गई हैं। यहां निराला सीरीस की लिखी लोक कथा ‘फोक टेल्स ऑफ शेरपा एंड येती’ को खासा पसंद किया जा रहा है। वहीं, युसुत्सु शर्मा की अंग्रेजी में लिखी किताब ‘अन्नपूर्णा पोएम्स’ को साहित्य प्रेमियों ने हाथों हाथ लिया है।

श्रीलंका के स्‍टॉल पर वहां के जंगल और जानवर के बारे में

श्रीलंका के स्टॉल पर केवल अंग्रेजी की किताबें प्रदर्शित की गई हैं। यहां की सभी किताबें श्रीलंका के जंगल, जानवर, धरती और मान्यताओं का आइना हैं। श्रीलंका बुक्स पब्लिशर्स एसोसिएशन की इन किताबों में रावण पर आधारित एक किताब ‘रावण’ को लोगों ने खासा पसंद किया है। तेहरान इंटरनेशनल बुक फेयर के स्टॉल पर ईरान के 20 से अधिक प्रकाशकों की पुस्तकें व वहां के अंतरराष्ट्रीय स्तर के कलाकारों की पेंटिंग्स को प्रस्तुत किया गया है। इस स्टॉल के प्रभारी जहांगीरी अब्बास बताते हैं कि ईरान में कला संस्कृति का बड़ा बाजार है। ईरान की राजनीति से लेकर समाज तक के बारे में प्रदर्शित 500 से अधिक किताबें भी यहां पसंद की जा रही हैं। इंस्टीटयूटो सर्वेन्तेम स्पेन के स्टॉल की पुस्तकें भारत व स्पेन के साहित्यिक संबंधों की बानगी दर्शाती हैं।

यहां प्रदर्शित अधिकांश पुस्तकें भारत के बारे में ही हैं। स्पेन के प्रख्यात लेखकों की हिंदी और बांग्ला में अनूदित कुछ पुस्तकें भी यहां उपलब्ध हैं। वहीं, जर्मन बुक आफिस के स्टॉल पर जर्मनी में बच्चों के लिए प्रकाशित आकर्षक पुस्तकें देखना सुखद अनुभव है। किंगडम ऑफ सऊदी अरब ने देश के प्रमुख शिक्षण संस्थानों से प्रकाशित उच्च शिक्षा के शोध ग्रंथों को प्रदर्शित किया है। यह पुस्तकें अंग्रेजी व अरबी में प्रकाशित हैं। इंग्लैंड के निवासी एक भारतीय लेखक धरमवीर लाल ने अपनी ‘इंग्लैंड माय लव’ को पाठकों तक पहुंचाने के लिए अलग से स्टॉल लगाया है। यहां इजिप्ट के करीब 14 प्रकाशकों की भी सैंकड़ों पुस्तकें हैं।

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