Delhi Teacher Recruitment : शिक्षक पद की चाहत रखने वालों को जल्द मिल सकती है गुड न्यूज
भर्ती प्रक्रिया में देरी के खिलाफ अधिवक्ता अशोक अग्रवाल के माध्यम से सोशल जूरिस्ट द्वारा दायर याचिका पर पीठ ने दिल्ली सरकार से सवाल किया। पीठ ने कहा कि सरकारी स्कूलों में प्राचार्य के 77 फीसद पद खाली होना गंभीर विषय है।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। अदालती आदेश के बावजूद अभी तक शिक्षकों के 12,165 पदों को लेकर विज्ञापन जारी करने में देरी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) की जमकर खिंचाई की। न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी की पीठ ने बोर्ड के चेयरमैन को प्राचार्य के 77 फीसद रिक्त पदों की भर्ती के संबंध में स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया। साथ ही दिल्ली सरकार को भी जवाब दाखिल करने को कहा। अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी।
भर्ती प्रक्रिया में देरी के खिलाफ अधिवक्ता अशोक अग्रवाल के माध्यम से सोशल जूरिस्ट द्वारा दायर याचिका पर पीठ ने दिल्ली सरकार से सवाल किया। पीठ ने कहा कि सरकारी स्कूलों में प्राचार्य के 77 फीसद पद खाली होना गंभीर विषय है। अदालत ने यह निर्देश तब दिया जब अधिवक्ता अग्रवाल ने कहा कि प्राचार्य के कुल स्वीकृत 745 पदों में से सिर्फ 215 प्राचार्य अभी स्कूल में हैं।
याचिका के अनुसार सरकार के आग्रह के बाद भी डीएसएसएसबी ने अब तक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की है। इनमें से 11,139 पदों को भरने के लिए आग्रह पत्र मार्च-2020 में ही बोर्ड को भेजे गए थे, जबकि बाकी पदों के लिए जनवरी- 2021 में आग्रह भेजे गए। अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने कहा है कि दिल्ली सरकार ने 18 मार्च, 2020 को 11,139 और 21 जनवरी-2021 को 926 शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए डीएसएसएसबी को आग्रह पत्र भेजा था, लेकिन अब तक भर्ती प्रक्रिया नहीं शुरू की गई।
ऐसे में यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही शिक्षकों को एक अच्छी खबर मिल सकती है। बता दें कि लॉकडाउन के दौरान गिरी देश की इकॉनामी अभी तक सही से रफ्तार नहीं पकड़ सकी है। ऐसे में इतने पदों पर बहाली से कई लोगों को नौकरी मिलेगी। शिक्षक पद की चाहत रखने वालों के लिए कोर्ट का यह आदेश एक नई नौकरी की आशा दिखा रहा है।