Move to Jagran APP

कुतुब मीनार के पास अवैध निर्माण रोकने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की तय करें जिम्मेदारी

पीठ ने निगम के रवैये पर तल्ख टिप्पणी व आदेश तब दिए जब याचिकाकर्ता रिंकू कौशिक ने पीठ को सूचित किया कि अदालत में पेश की गई रिपोर्ट ठीक नहीं है क्योंकि मौके पर दिखावे के लिए ही तोड़फोड़ की गई है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 09:43 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 09:43 PM (IST)
कुतुब मीनार के पास अवैध निर्माण रोकने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की तय करें जिम्मेदारी
2018 में कुतुब मीनार के आसपास हो रहे अवैध निर्माण।

नई दिल्ली, विनीत त्रिपाठी। ऐतिहासिक कुतुब मीनार के आसपास हो रहे अवैध व अनधिकृत निर्माण को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने दक्षिण दिल्ली नगर निगम के आयुक्त से पूछा कि आखिर आपके अधीनस्थ अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन क्यों नहीं कर रहे हैं। न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की पीठ ने आयुक्त को निर्देश दिया कि वे अपने अधिकारियों को जिम्मेदारी तय करें और उन्हें बताएं कि कौन क्या करेगा। साथ ही अनधिकृत रूप से हुए निर्माण के पूरे विवरण के साथ एक स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

loksabha election banner

पीठ ने 20 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई पर दक्षिण जोन के उपायुक्त को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने का निर्देश दिया। पीठ ने यह तल्ख टिप्पणी व आदेश तब दिए जब याचिकाकर्ता रिंकू कौशिक ने पीठ को सूचित किया कि अदालत में पेश की गई रिपोर्ट ठीक नहीं है क्योंकि मौके पर दिखावे के लिए ही तोड़फोड़ की गई है। रिंकू की जानकारी पर पीठ ने निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित करें कि कुतुब मीनार के आसपास बनाए गए भवन जोकि अब भी खाली हैं उनमें कोई भी व्यक्ति दाखिल न हो सके।

याचिकाकर्ता रिंकू कौशिक ने वर्ष 2018 में कुतुब मीनार के आसपास हो रहे अवैध निर्माण को लेकर याचिका दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि कुतुब मीनार से सटी सरकारी भूमि पर बड़े स्तर पर अवैध और अनधिकृत कालोनी विकसित की जा रही है। इतना ही नहीं वहां छह मंजिला और उससे अधिक ऊंचाई वाली इमारतों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि अदालत के कई निर्देशों के बावजूद नगर निगम के अधिकारियों ने अवैध व अनधिकृत भवनों के निर्माण को पूरा करने की अनुमति दी है। याचिका में कुतुबमीनार के पास एक इमारत के निर्माण की अनुमति देने में बिल्डरों, राजनेताओं, पुलिस अधिकारियों, नगर निगम के अधिकारियों और अन्य स्थानीय निकायों के बीच गठजोड़ और फ्लैटों के बेचने का भी आरोप लगाया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.