दिल्ली में हर्ष विहार मर्डर केस का पर्दाफाश, ढाई सौ रुपये के लिए की थी आटो चालक की हत्या
हर्ष इलाके में हुई आटो चालक सुरेंद्र उर्फ छोटू की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। महेज ढाई सौ रुपये के लिए पांच लोगों ने उनकी हत्या कर दी थी। हत्या में शामिल तीन आरोपित नाबालिग हैं जिसमें दो युवतियां हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। हर्ष इलाके में हुई आटो चालक सुरेंद्र उर्फ छोटू की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। महेज ढाई सौ रुपये के लिए पांच लोगों ने उनकी हत्या कर दी थी। हत्या में शामिल तीन आरोपित नाबालिग हैं, जिसमें दो युवतियां हैं। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान हर्ष विहार के रहने वाले अजय कुमार व दीपू राजपूत के रूप में हुई है। पुलिस ने इनसे पास से लूटा गया आटो और वारदात में इस्तेमाल हाथ के दो कड़े बरामद कर किए हैं।
जिला पुलिस उपायुकत संजय कुमार सेन ने बताया कि आठ अक्टूबर को मंडोली औद्योगिक क्षेत्र इलाके में एक शख्स का शव मिला था। चार दिन बाद शव की पहचान लोनी के रहने वाले सुरेंद्र उर्फ छोटू के रूप में हुई। पुलिस को जांच में पता चला मृतक आटो चालक थे और किराये पर आटो चलाते थे। आटो गायब है।
आटो के मालिक नायाब हसन ने मृतक के स्वजन को जानकारी दी कि नौ अक्टूबर को उनका आटो उत्तर प्रदेश पुलिस को बुलंदशहर के नरोरा में मिला था। हर्ष विहार पुलिस ने नरोरा पुलिस से संपर्क किया तो पता चला वहां की पुलिस ने आटो के साथ पांच लोग पकड़े गए थे। जिसमें तीन नाबालिग और दो बालिग थे। उन्होंने पुलिस को बताया था कि आटो एक सुनसान जगह पर खड़ा था, वह उसे ले आए।
पूछताछ के बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया, उत्तर प्रदेश पुलिस को उन्होंने जो पते बताए थे वह जांच में फर्जी पाए गए। हालांकि पकड़े जाने पर जिन नंबरों से आरोपितों ने अपने घर वालों से संपर्क किया था, उन नंबरों के जरिये हर्ष विहार पुलिस आरोपितों तक पहुंच गई।
आरोपितों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि सात अक्टूबर की रात 11ः15 बजे उन्होंने शिवानी वाटिका के पास से आटाे किया था, जब आटो सुशीला गार्डन पहुंचा तो उन्होंने चालक के साथ लूटपाट शुरू कर दी। चालक के पास से उन्हें ढाई सौ रुपये मिले, लूटपाट का विरोध करने पर आरोपितों ने चालक पर हाथ के कड़े से हमला कर दिया, बाद में गला घोंटकर हत्या कर दी। शव को सड़क किनारे फेंककर उत्तर प्रदेश फरार हो गए।