दिल्ली में शराब की होम डिलीवरी करने के नाम पर ठगी, पांच गिरफ्तार
डीसीपी अन्येष राय ने बताया कि शम्मी और अहमद मुस्तफा का काम लोगों को अपने जाल में फांसने का था। ये ही दोनों शराब की होम डिलीवरी के नाम पर लोगों से बात करते थे। जबकि आरोपी अकरम फर्जी आइडी पर सिम मुहैया करता था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने शराब की होम डिलीवरी के नाम पर ठगी करने वाले पांच ठगों को गिरफ्तार किया है। आरोपित पीड़ितों को क्यूआर कोड भेज कर उनके खाते में सेंध लगाते थे। आरोपितों की पहचान नूह जिले निवासी अकरम, अनीश, शरीफ, शम्मी और अहमद मुस्तफा के रूप में हुई है। साइबर सेल के डीसीपी अन्येष राय के बताया कि दिल्ली के रहने वाले एक व्यक्ति ने शिकायत देकर बताया कि गूगल से एक नंबर मिला उस नंबर पर लिखा था कि शराब की आनलाइन डिलीवरी की जाती है। पीड़ित ने उस नंबर पर फोन किया और पेटीएम से पांच हजार रुपये भेज दिया।
इसके बाद उसे होम डिलीवरी चार्ज के नाम पर 10 रुपये और देने के लिए कहा गया। इसके लिए उसे एक क्यूआर कोड स्कैन करने के लिए उन्हें बोला गया जैसे ही पीडि़त ने क्यूआर कोड को स्कैन किया उनके खाते से 20 हजार रुपये कट गए।
इस तरीके से उसके साथ 25 हजार की ठगी हुई। साइबर सेल को शिकायत मिलने के बाद साइबर सेल ने मामला दर्ज किया और मामले की जांच शुरू की गई। शुरुआती जांच में साइबर सेल की टीम को पता चला कि इस तरह की ठगी के मामले कई और अलग-अलग इलाकों में हुए हैं। ठग फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों के साथ शराब की डिलीवरी के नाम पर धोखाधड़ी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
इसके बाद टेक्निकल सर्विलांस के जरिए पुलिस ने आरोपितों के बारे में पता किया तब साइबर सेल की टीम को पता चला की जिन नंबरों से बात की जा रही थी वह नंबर राजस्थान के भरतपुर और हरियाणा के नूह में काम कर रहे है। साइबर अपराधियों की तलाश में पुलिस ने जगह-जगह पर छापेमारी की और इन पांचों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस टीम फिलहाल आरोपितों द्वारा ठगे गए पीड़ितों के बारे में जानकारी जुटा रही है।
आरोपितों के काम थे बंटे हुए
डीसीपी अन्येष राय ने बताया कि शम्मी और अहमद मुस्तफा का काम लोगों को अपने जाल में फांसने का था। ये ही दोनों शराब की होम डिलीवरी के नाम पर लोगों से बात करते थे। जबकि आरोपी अकरम फर्जी आइडी पर सिम मुहैया करता था और अनीश उस सिम कार्ड को आगे बेचता था इसके अलावा शरीफ ठगी के पैसे जमा करने के लिए बैंक खाते मुहैया कराता था।