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दमकल व बचाव दल के हौसले से मलबे में फंसे लोग निकले बाहर, नई जिंदगी पाकर बोले 'शुक्रिया भगवान'

घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग आपदा प्रबंधन व पुलिस की टीम ने मलबे में फसे लोगों को बाहर निकाल स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया। राहत बचाव कर्मियों के हौसले और फुर्ती के कारण ही कई लोगों की जान बची।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 10 Feb 2021 06:10 AM (IST)Updated: Wed, 10 Feb 2021 08:28 AM (IST)
दमकल व बचाव दल के हौसले से मलबे में फंसे लोग निकले बाहर, नई जिंदगी पाकर बोले 'शुक्रिया भगवान'
कब्जे के कारण 70 वर्ष पुरानी इमारत की नहीं हो पा रही थी मरम्मत

नई दिल्ली, संतोष शर्मा। सदर बाजार स्थित कुरेश नगर में मंगलवार की सुबह जर्जर दो मंजिला मकान भरभरा कर गिर गया। इस घटना में मकान में मौजूद छह लोग मलबे में दब गए। घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग, आपदा प्रबंधन व पुलिस की टीम ने मलबे में फसे लोगों को बाहर निकाल स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया। राहत बचाव कर्मियों के हौसले और फुर्ती के कारण ही कई लोगों की जान बची। हादसे के बाद लोग काफी घबरा गए। रेस्‍क्‍यू के बाद लोगों को नई जिंदगी मिलते ही लोगों ने भगवान को शुक्रिया कहा।

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वहां, चार लोगों को प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। जबकि एक महिला सहित दो लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। फिलहाल सदर बाजार थाना पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। उधर इस घटना पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दुख जताते हुए कहा कि अधिकारी हालात पर नजर रखे हुए हैं। उत्तरी नगर निगम के महापौर जयप्रकाश ने भी मौके का दौरा कर प्रभावितों का हालचाल लिया।

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सदर बाजार, कुरेश नगर (कसाबपुरा) के गली चरखे वाली स्थित मकान संख्या-6368 में मंगलवार की सुबह करीब 10.15 बजे हादसा हुआ। इस मकान को अब्दुल वहीद नामक शख्स ने करीब 70 वर्ष पहले बनाया था। करीब 120 गज में बने इस मकान के करीब अधा दर्जन कमरों में वर्तमान में अब्दुल के बेटे सईद का परिवार रह रहा था। मकान में भूतल और पहली मंजिल बनी हुई थी। उपर की मंजिल को करीब 30 वर्ष के एक शख्स ने किराए पर लिया था। उसी वक्त से उसने कब्जा के तौर पर उस तल पर ताला लगा रखा है। सइद के बेटे राजू ने बताया कि कब्जे के कारण मकान की मरम्मत नहीं हो पा रही थी।

इसी दौरान मंगलवार की सुबह मकान भरभराकर गिर गया। दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि मकान ढहने की सूचना के बाद मौके पर दमकल की छह गाड़ियां भेजी गई थीं। दमकल कर्मियों ने बचाव दल के साथ मिलकर मलबे में फंसे नसीम (30), हसीन(40), वसीम (32), जरीना (60), सलाउद्दीन (55) और भूरी (50) को बाहर निकाला सभी को एंबुलेंस से बाड़ा हिंदू राव अस्पताल में भर्ती कराया गया।

वहीं, ज्यादा चोट के कारण बाद में जरीना और नसीम को आरएमएल अस्पताल में रेफर कर दिया गया। उनका इलाज जारी है। दोनों मां-बेटे हैं। इस हादसे में पांच परिवार का पूरा सामान मलबे में दबकर बर्बाद हो गया। पीड़ित परिवार ने प्रशासन से मदद की गुहार लगई है। घटना को लेकर स्थानीय लोगों में भारी रोष था। वहीं, शाम तक निगम का दस्ता मकान का मलबा हटाने में जुटा हुआ था।

पड़ोसी के सुझाव से बची कई लोगों की जान

पड़ोसियों ने बुरी तरह जर्जर होने के उक्त मकान में रहने वालों को अन्य स्थान पर चले जाने का सुझाव दिया था। सुझाव को मान ज्यादातर लोग सोमवार को पड़ोस में रहने चले गए थे। मो. अब्दुल्ला ने बताया कि घटना के वक्त दो परिवार के वैसे लोग मकान में मौजूद थे जो अपने सामान की देख-रेख कर रहे थे। यदि मकान में रहने वाले पड़ोसी का सुझाव नहीं मानते तो बड़ा हादसा हो सकता था।


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