Safdarjung Hospital Fire: जान की परवाह किए बिना मरीजों को मौत के मुंह से निकाल लाए मार्शल
मरीजों को निकालने के काम में लगे मार्शल विशाल ने बताया कि सभी मरीजों को निकालने के बाद एक बुजुर्ग महिला मरीज के फंसे होने की जानकारी मिली। महिला अग्निशमन यंत्रों से निकले फोम से पूरा ढकी हुई थी। इस कारण वह दिखाई भी नहीं दे रही थी।
नई दिल्ली [गौरव बाजपेई]। सफदरजंग अस्पताल के आइसीयू वार्ड में आग लगने पर 50 से अधिक गंभीर रूप से बीमार मरीज आग और धुंए में फंस गए थे। लेकिन, मौके पर तैनात नर्सिंग आफिसर और मार्शलों (सुरक्षाकर्मियों) ने अपनी जान की परवाह किए बिना ही तुरंत अस्पताल के अग्निशमन यंत्रों का इस्तेमाल कर आग बुझाना शुरू कर दिया और वार्ड में भर्ती मरीजों को बाहर निकला। इस दौरान कई मरीज जीवन रक्षक यंत्रों पर थे, जिन्हे सुरक्षाकर्मियों ने बिस्तर के साथ दूसरे वार्ड में आनन-फानन में शिफ्ट किया।
सुरक्षाकर्मियों की मुस्तैदी से एक बड़ा हादसा टल गया। सफदरजंग अस्पताल में एक निजी सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारी तैनात हैं। सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि उन्हे बुधवार सुबह 6:10 मिनट पर वार्ड से धुआं निकलने की सूचना मिली।
इस पर करीब 40 से अधिक सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंच गए। वार्ड में धुआं भरा हुआ था। ऐसे में उन्होंने हिम्मत से काम लेते हुए सभी मरीजों को एक-एक कर बाहर निकाला।
फोम से ढक गई थी बुजुर्ग महिला
मरीजों को निकालने के काम में लगे मार्शल विशाल ने बताया कि सभी मरीजों को निकालने के बाद एक बुजुर्ग महिला मरीज के फंसे होने की जानकारी मिली। महिला अग्निशमन यंत्रों से निकले फोम से पूरा ढकी हुई थी। इस कारण वह दिखाई भी नहीं दे रही थी। सुरक्षाकर्मियों ने मरीज को निकालने के लिए पूरे बेड को ही कंधों पर लाद लिया और बाहर निकल आए। मरीजों के तीमारदारों का कहना था कि यदि सुरक्षाकर्मी दमकल की गाडि़यों का इंतजार करते तो निश्चित ही बड़ा हादसा हो सकता था, जिसमें कई मरीजों की जान जा सकती थी।