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जेपी एसडीजेड का आवंटन निरस्त करने के लिए अंतिम नोटिस जारी, खरीदारों पर पड़ेगा असर

यमुना प्राधिकरण ने जेपी समूह की कंपनी जेपी स्पो‌र्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड को एक हजार हेक्टेयर का भूखंड 2010 में आवंटित किया था। यह भूखंड एसडीजेड के तहत आवंटित किया गया था।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 09:54 PM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 09:54 PM (IST)
जेपी एसडीजेड का आवंटन निरस्त करने के लिए अंतिम नोटिस जारी, खरीदारों पर पड़ेगा असर
जेपी एसडीजेड का आवंटन निरस्त करने के लिए अंतिम नोटिस जारी, खरीदारों पर पड़ेगा असर

नोएडा, जेएनएन। यमुना प्राधिकरण ने दनकौर क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस वे के किनारे स्थित जेपी समूह के स्पेशल डेवलपमेंट जोन (एसडीजेड) का आवंटन रद करने के लिए अंतिम नोटिस जारी कर दिया है। एसडीजेड को बचाने के लिए जेपी समूह को 31 दिसंबर तक बकाया किस्त का भुगतान करना होगा। एसडीजेड में फार्मूला वन ट्रैक (बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट), व किक्रेट स्टेडियम समेत आवासीय परियोजनाएं हैं।

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यमुना प्राधिकरण ने जेपी समूह की कंपनी जेपी स्पो‌र्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड को एक हजार हेक्टेयर का भूखंड 2010 में आवंटित किया था। यह भूखंड एसडीजेड के तहत आवंटित किया गया था। इस भूखंड को स्पो‌र्ट्स सिटी के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई थी। इसमें फार्मूला वन ट्रैक, क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण हो चुका है। एसडीजेड की कुछ जमीन को आवासीय परियोजना के लिए दूसरे बिल्डरों को भी बेचा जा चुका है। लेकिन, भूखंड की किस्तों का प्राधिकरण को समय पर भुगतान नहीं किया।

कंपनी पर प्राधिकरण का करीब छह सौ करोड़ रुपये बकाया है। ब्याज समेत यह धनराशि एक हजार करोड़ रुपये से अधिक है। प्राधिकरण ने बकाया भुगतान के लिए नोटिस जारी किए तो कंपनी ने यमुना प्राधिकरण की रिशेड्यूलमेंट योजना में आवेदन किया। रिशेड्यूलमेंट करते हुए प्राधिकरण बोर्ड ने 2023 तक बकाया धनराशि को दस किस्त में भुगतान पर सहमति दी थी।

कंपनी को रिशेड्यूलमेंट के बाद 108 करोड़ की पहली किस्त का तीस सितंबर तक भुगतान करना थी, लेकिन उसने किस्त का भुगतान नहीं किया है। प्राधिकरण ने कंपनी को अंतिम नोटिस जारी करते हुए भुगतान के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया है।

आवासीय परियोजनाओं व खरीदारों पर पड़ेगा असर
एसडीजेड के कुछ हिस्से को दूसरे बिल्डरों को बेचा जा चुका है। बिल्डर इन परियोजनाओं पर आवासीय योजना निकाल कर बुकिंग भी कर चुके हैं, अगर आवंटन निरस्त होता है तो इसका सीधा असर बिल्डरों की आवासीय परियोजना एवं उसमें बुकिंग कराने वाले खरीदारों पर पड़ेगा।

जेपी इंफ्राटेक का मामला भी है एनसीएलटी में
यमुना एक्सप्रेस वे का संचालन करने वाली कंपनी जेपी इंफ्राटेक का मामला भी एनसीएलटी में चल रहा है। जेपी इंफ्राटेक को यमुना एक्सप्रेस वे के निर्माण के एवज में टोल वसूली के अधिकार के साथ पांच जगहों पर पांच-पांच सौ एकड़ के एलएफडी (लैंड फॉर डेवलपमेंट) भी दी गई थी। यह एलएफडी नोएडा, यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में गौतमबुद्ध नगर, आगरा में हैं।

जेपीएसआइ को एसडीजेड का भूखंड आवंटित किया गया था। रिशेड्यूलमेंट के बावजूद प्राधिकरण को किस्तों का भुगतान नहीं किया गया है। आवंटी को अंतिम नोटिस जारी किया गया है। तय समय पर किस्त का भुगतान न करने पर आवंटन निरस्त किया जाएगा।

-डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण।


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