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क्रिकेटर एमएस धौनी की पत्नी साक्षी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज

भारतीय क्रिकेट टीम (वनडे) के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की पत्नी साक्षी सिंह धौनी सहित चार लोगों के खिलाफ गुरुग्राम में मामला दर्ज हुआ है।

By JP YadavEdited By: Published: Sun, 09 Oct 2016 12:02 PM (IST)Updated: Mon, 10 Oct 2016 02:07 PM (IST)
क्रिकेटर एमएस धौनी की पत्नी साक्षी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज

गुरुग्राम (आदित्य राज)। भारतीय क्रिकेट टीम (वनडे) के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की पत्नी साक्षी सिंह धौनी सहित चार लोगों के खिलाफ निरवाणा कंट्री निवासी डेनिज अरोड़ा ने सुशांत लोक थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। मामला कंपनी में शेयर खरीदने के लिए एग्रीमेंट करने के बाद पूरी राशि नहीं देने से संबंधित है।

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जानकारी के मुताबिक जिम चलाने वाली कंपनी स्पोर्ट्स फिट वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड में रीति एमएसडी अलमोड प्राइवेट लिमिटेड का शेयर है। इस कंपनी में क्रिकेटर महेंद्र सिंह धौनी की पत्नी साक्षी सिंह धौनी, अरुण पांडेय, शुभावती पांडेय एवं प्रतिमा पांडेय निदेशक हैं।

स्पोर्ट्स फिट वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड में निरवाणा कंट्री निवासी डेनिज अरोड़ा भी निदेशक हैं। अरोड़ा के पिता विकास अरोड़ा का 39 प्रतिशत शेयर है। दो अन्य लोग भी निदेशक थे जो बाहर हो गए।

बताया जा रहा है कि आपस में नहीं बनने पर रीति एमएसडी अलमोड प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों ने अरोड़ा का शेयर खरीदने के लिए एग्रीमेंट कर लिया। डेनिज अरोड़ा का आरोप है कि एग्रीमेंट लगभग 11 करोड़ रुपये में हुआ था। उन्हें केवल दो करोड़ 25 लाख रुपये दिए गए। बाकी राशि नहीं दी गई। 31 मार्च तक पूरी राशि देनी थी।

जब राशि नहीं दी गई, फिर उन्होंने मामला दर्ज करा दिया। वहीं, रीति एमएसडी अलमोड प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अरुण पांडेय का कहना है कि जितनी राशि दी गई उसके हिसाब से भी शेयर उनकी कंपनी के पास नहीं आया है।

उनका कहना है कि जब शेयर उनके पास आया ही नहीं है, फिर बाकी राशि नहीं देने पर धोखाधड़ी कैसे हुई। उनका यह भी कहना है कि साक्षी सिंह एक साल पहले तक निदेशक थीं, फिर उनके खिलाफ एफआइआर कैसे दर्ज करा दी गई।

यही नहीं दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद से मामला आर्बिटेशन के पास है। जब मामला आर्बिटेशन के पास है फिर एफआईआर दर्ज ही नहीं होनी चाहिए थी। रीति एमएसडी अमलोड प्राइवेट लिमिटेड का कार्यालय गोल्फ कोर्स रोड बताकर मामला दर्ज कराया गया है, जबकि कार्यालय वहां है ही नहीं।

यदि गोल्फ कोर्स रोड पर भी कार्यालय दिखाया गया है, तो फिर मामला डीएलएफ थाने का बनता है, जबकि एफआइआर सुशांत लोक थाने में दर्ज कराई गई है।

इस बारे में डेनिज का कहना है कि कार्यालय पहले गोल्फ कोर्स रोड पर था। बाद में दिल्ली स्थानांतरित किया गया। इस बारे में सुशांत लोक थाना प्रभारी का कहना है कि मामले की छानबीन की जा रही है।


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