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Coronavirus के डर से मानसिक तनाव बढ़ने का खतरा, रहें सतर्क; पढ़े एक्सपर्ट की राय

Coronavirus इहबास के निदेशक डॉ. निमेष जी देसाई ने कहा कि पहले भी कई बीमारियों को लेकर लोगों में मानसिक परेशानी देखी गई है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 17 Mar 2020 08:43 AM (IST)Updated: Tue, 17 Mar 2020 08:46 AM (IST)
Coronavirus के डर से मानसिक तनाव बढ़ने का खतरा, रहें सतर्क; पढ़े एक्सपर्ट की राय
Coronavirus के डर से मानसिक तनाव बढ़ने का खतरा, रहें सतर्क; पढ़े एक्सपर्ट की राय

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। Coronavirus: कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से लोग सहमे हुए हैं। घर परिवार में भी यही चर्चा का विषय बना हुआ है। कोरोना के लक्षण वाले लोगों के आइसोलेशन से निकलकर भागने की घटनाएं भी सामने आ रही हैं। इसका कारण बीमारी को लेकर खौफ माना जा रहा है। इससे मानसिक तनाव बढ़ सकता है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इहबास (मानव व्यवहार व संबद्ध संस्थान) को क्वारंटाइन में रह रहे लोगों की काउंर्संलग की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। ताकि जरूरत पड़ने पर मनोचिकित्सकों की टीम काउंसलिंग कर सके।

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इहबास के निदेशक डॉ. निमेष जी देसाई ने कहा कि पहले भी कई बीमारियों को लेकर लोगों में मानसिक परेशानी देखी गई है। जानकारी के अभाव में लोग चिंता करने लगते है। इसलिए ऐसे लोगों की काउंर्संलग करना जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि पहले एचआइवी फोबिया देखा गया था, तब कई लोग बार-बार अपनी जांच करा रहे थे।

सार्स कोरोना वायरस को लेकर भी विदेशों में पहले मानसिक फोबिया देखा जा चुका है। नोवेल कोरोना वायरस को लेकर भी लोग बेबुनियादी डर से गुजर रहे हैं। इसलिए क्वारंटाइन केंद्रों में रह रहे लोगों के अलावा आम जनता में भी कुछ लोगों को काउंर्संलग की जरूरत पड़ सकती है। यही वजह है कि इसकी व्यवस्था की जा रही है। जरूरी पड़ने पर क्वारंटाइन केंद्रों से लोगों को अस्पताल लाकर काउंर्संलग की जाएगी।

संक्रमण रोकने को प्रयास जारी: वायरस का संक्रमण रोकने के लिए विदेशों से आने वाले यात्रियों को क्वारंटाइन केंद्र में रखने की व्यवस्था की गई है। एयरपोर्ट पर स्क्र्रींनग के बाद यात्रियों को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन केंद्र में भेजा जाता है। मौजूदा समय में द्वारका में बने क्वारंटाइन केंद्र में 236 यात्रियों को रखा गया है।

सतर्क रहें, तनाव न लें : अग्रवाल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने कहा कि लोग अपनी सेहत से ज्यादा परिवार के भविष्य को लेकर चिंता में रहने लगते हैं। उन्हें लगता है कि यदि वे बीमारी से पीड़ित हुए तो परिवार का क्या होगा। इस तनाव में उन्हें अच्छी नींद नहीं आती। इस वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा रहता है। इसलिए मानसिक तनाव लेने पर समस्या बढ़ सकती है। लिहाजा लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है, डरने व चिंता करने की जरूरत नहीं है। बचाव के लिए जरूरी उपाए अपनाते रहें। थोड़े-थोड़े अंतराल पर साबुन या हैंड वॉश से हाथ धोते रहें। घर में साफ सफाई रखें। किसी को खांसी, सर्दी, बुखार हो तो उससे दूरी बनाकर रखें। किसी से हाथ न मिलाएं।

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