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केजरीवाल के अच्छे कामों से भाजपा में डर, इसलिए रोकने के लिए लाई एनसीटी बिल : सिसोदिया

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि एनसीटी बिल का राज्यसभा में पास कराना यह बताता है कि वह केजरीवाल सरकार से डर गई है। भाजपा की सरकार केजरीवाल सरकार के कामों की वजह से असहज महसूस कर रही है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 25 Mar 2021 04:43 PM (IST)Updated: Thu, 25 Mar 2021 05:13 PM (IST)
केजरीवाल के अच्छे कामों से भाजपा में डर, इसलिए रोकने के लिए लाई एनसीटी बिल : सिसोदिया
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि एनसीटी बिल का राज्यसभा में पास कराना यह बताता है कि वह केजरीवाल सरकार से डर गई है। भाजपा की सरकार केजरीवाल सरकार के कामों की वजह से असहज महसूस कर रही है। लोग यह कहना भी शुरू कर दिए हैं कि अरविंद केजरीवाल अब पीएम मोदी का विकल्प बन रहे हैं। यह बिल सिर्फ इसलिए लाया गया है कि यह राज्य की केजरीवाल सरकार को आगे बढ़ने से रोक सके।

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भारतीय जनता पार्टी के पास कोई मॉडल नहीं

दिल्ली संसोधन बिल पास होने के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा और पीएम मोदी केजरीवाल के काम से घबराए हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी के पास कोई मॉडल नहीं है। दिल्ली सरकार सभी विकल्पों को देख रही है। लीगल एक्सपर्ट से भी बात कर रही है सरकार। इस मामले में और क्या किया जा सकता है इस पर फिलहाल विचार किया जा रहा है। जरूरत के हिसाब से कदम उठाया जाएगा।

दोनों सदनों से विधेयक पारित

बता दें कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा से पारित करा लिया है। हालांकि राज्यसभा में विधेयक पेश होने के वक्त विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। एजली को विशेष शक्ति देने वाला विधेयक सोमवार 22 मार्च को लोकसभा से वहीं बुधवार 24 मार्च को पारित हो चुका है। इसके बाद से ही दिल्ली की सत्तासीन आम आदमी पार्टी की सरकार इसका विरोध कर रही है। राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सदस्य संजय सिंह ने कहा कि विधेयक गैर संवैधानिक और अलोकतांत्रिक है।

इस कारण हो रहा विरोध

विधेयक में यह स्पष्ट किया गया है कि दिल्ली में सरकार का मतलब उप राज्यपाल हैं। इसके कानून बनने पर दिल्ली सरकार के लिए किसी भी कार्यकारी फैसले से पहले उप राज्यपाल की राय लेनी होगी।


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