Farmers Protest: किसानों की प्रेस वार्ता हुई शुरू, बॉर्डर पर पुलिस बल तैनात
दिल्ली में घुसने की जिद छोड़ कर किसान अब बॉर्डर पर जमे हुए हैं। किसान आंदोलन का लगातार पांचवां दिन है। सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत दिल्ली के बॉर्डर को घेरने के लिए किसान लगातार लगे हैं। हर दिन किसानों का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है।
नई दिल्ली, सोनू राणा। दिल्ली में घुसने की जिद छोड़ कर किसान अब बॉर्डर पर जमे हुए हैं। सोमवार को किसान आंदोलन का लगातार पांचवां दिन है। सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत दिल्ली के बॉर्डर को घेरने के लिए किसान लगातार लगे हैं। बॉर्डर पर हर दिन किसानों का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है। सरकार की वार्ता की पेशकश को ठुकरा कर किसान ने रविवार को बुरारी जाने से मना कर दिया था। आज सोमवार को किसानों ने एक बार फिर प्रेसवार्ता कर सरकार को अपने तरफ से साफ संदेश दिया है कि जब तक मांग नहीं मानी जाएगी तब तक वह दिल्ली को घेर कर खड़े रहेंगे।
किसान आंदोलन को मिल रहा बड़े नामों का समर्थन
इधर इससे पहले सिंघु बॉर्डर पर आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा वहां पहुंचे। उन्होंने कहा कि बिना शर्त किसानों से केंद्र सरकार बात करे नहीं तो किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा। राघव चड्ढा के अलावा क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता और पंजाबी एक्टर योगराज सिंह भी किसानों को समर्थन देने के लिए सिंघु बॉर्डर पहुंचे हैं।
पहली बार दिखा ऐसा नजारा
आम तौर पर कहीं भी आंदोलन के वक्त लोग उग्र हो जाते हैं या फिर किसी एक जगह पर बैठ विरोध प्रदर्शन करते हैं। ऐसा संभवत: पहली बार हुआ जब किसान आंदोलन जारी था तब किसानों ने सड़क पर चूने से लिखा कि 'धारा 288 लागू'। इसका मतलब यह हुआ कि आप अपनी बॉर्डर में रहिए और हम अपनी बॉर्डर में रहेंगे। किसान लगातार यहीं बात कह रहे हैं कि सरकार जब तक बात नहीं मानेंगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने यह भी बताया कि तीन दिसंबर को आगे की रणनीति बनेगी। तब तक यूपी गेट पर ही डेरा डाले रहेंगे। राकेश टिकैत का कहना है कि पुलिस ने धारा 144 लगा हमें प्रतिबंधित करने की कोशिश की है, तो हमने धारा दो सौ अट्ठासी लगाकर उन्हें प्रतिबंधित कर दिया है। अब हम उनकी सीमा में नहीं जाएंगे और उन्हें अपनी सीमा में नहीं आने देंगे। वहीं, यूपी से लगे दिल्ली के बॉर्डर यूपी गेट पर किसान झोंपड़ी बनाने में जुट गए हैं। ट्रैक्टर से पुआल लाया जा रहा है।
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