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Farmers Protest: सीमावर्ती गांवों के मार्गो पर पुलिस ने की घेराबंदी, किसान की आत्महत्या पर आक्रोश

कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान गणतंत्र दिवस को राजधानी में किए गए उपद्रव के बाद पुलिस पूरी तरह से सतर्क दिख रही है। सिंघु बार्डर पर सुरक्षा व्यवस्था को जहां पहले की तुलना में कड़ी कर दी गई है वहीं पुलिस प्रदर्शनकारियों पर लगातार निगाह रख रही है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 01:05 PM (IST)Updated: Tue, 09 Mar 2021 12:18 PM (IST)
Farmers Protest: सीमावर्ती गांवों के मार्गो पर पुलिस ने की घेराबंदी, किसान की आत्महत्या पर आक्रोश
हरियाणा से नरेला जाने वाले मार्ग में पुलिस ने सीमेंट की दीवार पर कंटीले तार बांध दिए हैं। हरीश कुमार

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। Farmers Protest:कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान गणतंत्र दिवस को राजधानी में किए गए उपद्रव के बाद पुलिस पूरी तरह से सतर्क दिख रही है। सिंघु बार्डर पर सुरक्षा व्यवस्था को जहां पहले की तुलना में कड़ी कर दी गई है, वहीं पुलिस प्रदर्शनकारियों पर लगातार निगाह रख रही है। ऐसे में पुलिस ने रविवार को सीमावर्ती गांवों के उन मार्गो पर भी बैरिकेडिंग कर दी, जिनसे होकर प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर लेकर सिंघु बार्डर तक पहुंचते रहे हैं।

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पंजाब के अमृतसर से छह मार्च को चला प्रदर्शनकारियों का एक जत्था ट्रैक्टरों के साथ पहुंचने वाला है। इस कारण सिंघु गांव, हरेवली व मुंगेशपुर आदि गांवों में यह घेराबंदी की गई है, ताकि प्रदर्शनकारी दिल्ली की सीमा में घुस न सकें। हालांकि देर शाम तक प्रदर्शनकारियों का जत्था सीमावर्ती क्षेत्रों में नहीं पहुंच सका था, लेकिन पुलिस पहले से ही एहतियात बरत रही है। 

मार्गो पर पुलिस ने सीमेंट के बैरिकेड लगाकर इस तरह से घेराबंदी की है कि केवल दोपहिया वाहन की ही आवाजाही हो पा रही है। यही कारण रहा कि रविवार को कई चार पहिया वाहनों को सिंघु गांव से लौटते देखा गया। ऐसे वाहन चालक सिंघु बार्डर पर धरना दे रहे आंदोलनकारियों को कोस रहे थे। 

आंदोलनस्थल पर मनाएंगे महिला दिवस 

संयुक्त किसान मोर्चा सोमवार को आंदोलन स्थल पर महिला दिवस मनाएगा। इस दौरान महिला सम्मेलन कराए जाएंगे। इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 

उधर आंदोलन में आए हिसार के सिसाय के किसान राजबीर द्वारा फंदा लगाकर आत्महत्या करने की घटना से आक्रोशित आंदोलनकारियों द्वारा रविवार सुबह बहादुरगढ़ बाईपास पर करीब एक घंटे तक सड़क पर शव रखकर जाम लगाया गया। फंदे से उतारकर शव को जब स्ट्रेचर पर एंबुलेंस की तरफ लाया गया तो किसान सीधे ही उसे बाईपास की खुली लेन पर ले आए।

स्ट्रेचर पर रखे बीच में लेकर आंदोलनकारी सड़क पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। बाद में पुलिस ने समझाया। मगर आंदोलनकारियों में आक्रोश था। घंटे भर बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए यहां से भेजा गया। 


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