Farmers Protest: पुलिस से झड़प के बाद लखबीर समर्थकों का धरना शुरू, हवन के लिए जाना चाहते हैं बार्डर
स्वजन और समर्थकों को पुलिस ने नरेला में ही रोक दिया। मगर फिर भी वे लोग बैरिकेड तोड़कर जाने लगे तो उनपर लाठीचार्ज कर दिल्ली पुलिस ने स्थिति को काबू में किया। इसके बाद समर्थकों ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की व सड़क पर ही धरना शुरू कर दिया।
नई दिल्ली [सोनू राणा]। कुंडली बार्डर पर निहंगों की बर्बरता का शिकार हुए दलित व्यक्ति लखबीर सिंह की आत्मा की शांति के लिए हवन करने जा रहे उनके स्वजन और समर्थकों को बुधवार शाम को दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर नरेला में ही रोक दिया। मगर फिर भी वे लोग बैरिकेड तोड़कर जाने लगे तो उनपर लाठीचार्ज कर दिल्ली पुलिस ने स्थिति को काबू में किया। इसके बाद समर्थकों ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की व सड़क पर ही धरना शुरू कर दिया।
कुंडली बार्डर पर जा रहे थे हवन करने
समर्थकों में ज्यादातर उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के लोग थे। ये लोग कुंडली बार्डर पर उसी जगह हवन करने जा रहे थे, जहां पर लखबीर की हत्या की गई थी। निहंगों की महापंचायत के चलते वहां पर भारी संख्या में निहंग मौजूद हैं। पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों में टकराव न हो इसलिए नरेला में उन्हें रोक लिया गया। इस दौरान कुछ लोगों को चोट भी आई है।
हवन के लिए आए थे समर्थक
दरअसल दशहरे के दिन पंजाब के तरनतारन के चीमा कलां गांव के लखबीर सिंह की नृशंस हत्या कर दी गई थी। लखबीर सिंह के हाथ काटकर और पैर तोड़कर बैरिकेड पर मरने के लिए लटका दिया था। हत्या के बाद कार्रवाई न होने से आह्त लखबीर की बहन व बेटियां उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के लगभग 700 समर्थकों के साथ घटना स्थल पर हवन करने के लिए करनाल बाइपास के रास्ते सिंघु बार्डर की तरफ रवाना हुए।
टकराव की स्थिति को देखते हुए पुलिस ने रोका रास्ता
सिंघु गांव के पास बैरिकेड देखकर वह नरेला-बवाना फ्लाईओवर वाले रास्ते से कुंडली बार्डर जाने लगे। इसके बाद टकराव की स्थिति को देखते हुए अलीपुर थाना पुलिस कर्मियों ने उन्हें नरेला की बी4 चौकी पर रोक दिया। जब उनसे कुंडली बार्डर जाने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वह लखबीर की आत्मा की शांति के लिए उस जगह हवन करने जा रहे हैं जहां पर लखबीर की हाथ काटकर हत्या की गई थी। लेकिन, पुलिस ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया।
सड़क पर ही शुरू किया धरना
समर्थक पुलिस की ओर से लगाए गए बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने लगे तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन्हें शांत करवाया।जिससे कुछ लोगों को थोड़ी चोट लगी। इसके बाद लखबीर के समर्थकों ने सड़क पर ही धरना शुरू कर दिया था और खबर लिखे जाने तक जारी रहा।
इसलिए नहीं जाने दिया कुंडली बार्डर
दरअसल जिस जगह पर लखबीर सिंह की नृशंस हत्या कर और शव को बैरिकेड पर लटका दिया था उस जगह पर निहंगों का कब्जा है। बुधवार को पंजाब समेत कई राज्य से काफी संख्या में निहंग महापंचायत में लिए इकट्ठे हुए थे। अगर इस दौरान लखबीर के स्वजन कुंडली बार्डर पर जाते तो संभवत निहंग व लखबीर के समर्थकों के बीच में टकराव की स्थिति पैदा हो जाती। इसी संभावना के चलते पुलिस ने सिंघु बार्डर से करीब ढाई किलोमीटर पहले ही उन्हें रोक लिया।
जहां हुई थी घटना वहीं करना चाहते हैं हवन
मेरठ निवासी लखबीर के समर्थकों में से एक सुरेश ने बताया कि कृषि कानून विरोधियों ने पहले 26 जनवरी को लाल किले पर देश को शर्मशार किया था और अब एक गरीब मजदूर की हत्या कर दी। इसके बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है और उसके हत्यारों को सजा नहीं दे रही है। इसलिए लखबीर की आत्मा की शांति के लिए वह उसी जगह हवन करना चाहते हैं, जहां उसकी हत्या की गई थी। जब तक वह हवन नहीं कर लेते धरना जारी रहेगा।