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Farmers Protests : राजधानी को चारों तरफ से घेरने की कोशिश, किसान संगठन कुछ इस तरह बना रहे हैं प्‍लान

Farmers Protest बैठक के बाद शाम में सिंंघु बॉर्डर पर आयोजि प्रेस वार्ता में सुरजीत सिंह फुल ने कहा कि वह बुराड़ी के संत निरंकारी मैदान में जाने को तैयार नहीं हैं। वह दिल्ली को चारों तरफ से घेरकर सरकार को उनकी मांग को पूरा करने को विवश कर देंगे।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 10:18 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 06:55 AM (IST)
Farmers Protests : राजधानी को चारों तरफ से घेरने की कोशिश, किसान संगठन कुछ इस तरह बना रहे हैं प्‍लान
सरकार की ओर से दिए गए मीटिंग के प्रस्ताव को किसानों ने किया खारिज।

नई दिल्ली, सोनू राणा। Farmers Protest: कृषि कानूनों के विरोध में केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसानों की राजधानी दिल्ली को चारों तरफ से घेरने की कोशिश है। हरियाणा से सटे सिंघु व टीकरी बॉर्डर पर हरियाणा व पंजाब के किसान और यूपी गेट पर उत्तर प्रदेश के किसान भारी संख्या में डेरा जमाए हुए हैं। सोनीपत और बहादुरगढ़ की ओर से दिल्ली में प्रवेश करने वाले दोनों रास्तों को किसानों ने पूरी तरह से घेर लिया है। अब उनकी कोशिश यूपी व राजस्थान के रास्तों को भी घेरने की है।

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इसी को लेकर यूपी बॉर्डर पर रविवार को किसान उग्र हो गए और बैरिकेड तोड़ दिए। आगे की रणनीति को लेकर भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी पंजाब के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फुल की अध्यक्षता में रविवार को 30 किसान जत्थेबंदियों की सोनीपत में बैठक हुई। बैठक में उन्होंने सरकार की ओर से शर्त के साथ मीटिंग के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

बैठक के बाद शाम में सिंंघु बॉर्डर पर आयोजि प्रेस वार्ता में सुरजीत सिंह फुल ने कहा कि वह बुराड़ी के संत निरंकारी मैदान में जाने को तैयार नहीं हैं। वह दिल्ली को चारों तरफ से घेरकर सरकार को उनकी मांग को पूरा करने को विवश कर देंगे। उनका कहना था कि टीकरी व सिंघु बॉर्डर को तो घेर लिया गया है। इसके बाद यूपी बॉर्डर व फिर जयपुर हाईवे का घेराव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह चार महीने का राशन साथ लेकर आए हैं। जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती, वह धरना देते रहेगे। 

किसान नेताओं ने संयुक्त रूप से यह भी कहा कि वह संत निरंकारी मैदान नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें पता लगा है कि सरकार की ओर से मैदान को ओपन जेल बना दिया गया है। वह ओपन जेल जाने की बजाय दिल्ली की चारों तरफ से घेराबंदी करेंगे और वहां के किसानों को वापस लाया जाएगा। हालांकि देर रात तक कोई भी किसान मैदान से वापस नहीं आया था। उन्होंने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि अगर सरकार बिना किसी शर्त के उनसे मिलना चाहती है तो वह बात करने को तैयार हैं।

सुरजीत सिंह ने कहा कि उन्होने फैसला किया है कि किसानों के मंच से किसी राजनीतिक पार्टी के नेता को बोलने का मौका नहीं दिया जाएगा। चाहे वह नेता कांग्रेस का हो या किसी अन्य पार्टी का। इसके अलावा कुछ किसानों की ओर से प्रदर्शन के दौरान मीडिया से दुर्व्यवहार किया गया। उनके मोबाइल फोन छीन लिए गए। इसके लिए सुरजीत सिंह ने सभी मीडिया कर्मियों से माफी मांगी।

 

सामान की आपूर्ति हो रही प्रभावित 

यूपी व हरियाणा की ओर बॉर्डर पर किसानों के डटे होने से फल, सब्जी, दूध, दवा, अनाज, औद्यागिक क्षेत्रों में कच्चे माल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। अगर कुछ दिन ऐसे ही किसान प्रदर्शन करते रहे तो दिल्ली निवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

किसानों के प्रदर्शन से स्थानीय लोगों को हो रही परेशानी 

टीकरी, सिंघु बॉर्डर व यूपी गेट पर किसानों की ओर से दिए जा रहे धरने से सबसे ज्यादा परेशानी आम लोगों को हो रही है। हर दिन हजारों की संख्या में लोग हरियाणा व पंजाब से पैदल दिल्ली व दिल्ली से दूसरे राज्यों में जा रहे हैं। पांच से सात किलोमीटर दूर तक उन्हें पैदल चलना पड़ रहा है। वहीं टीकरी बॉर्डर के आसपास के लोगों का सब्र टूटता दिखाई दे रहा है। उनका कहना है कि किसानों को बुराड़ी चला जाना चाहिए।

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