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Rail Roko: 79वें दिन पहुंचा किसानों का आंदोलन, 18 फरवरी को रेल रोकने पर संगठनों में पड़ी फूट

एक धड़े के नेताओं को इस घोषणा को लेकर चिंता यह है कि कहीं 26 जनवरी को जिस तरह ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में उपद्रव हुआ उसी तरह यदि रेल रोकने के दौरान हिंसक वारदात हुईं तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 12 Feb 2021 09:00 AM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2021 10:08 AM (IST)
Rail Roko: 79वें दिन पहुंचा किसानों का आंदोलन, 18 फरवरी को रेल रोकने पर संगठनों में पड़ी फूट
किसान संगठनों ने 18 फरवरी को देशभर में रेल रोकने की घोषणा की है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर चल रहा पंजाब-हरियाणा के किसानों का धरना प्रदर्शन शुक्रवार को 79वें दिन पहुंच गया है।इस बीच कृषि सुधार के लिए हाल ही में बने तीनों कृषि कानूनों रद कराने के लिए प्रदर्शन कर रहे संगठनों ने 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक देशभर में रेल रोकने की घोषणा की है। इसको लेकर बुधवार देर शाम सिंघु बॉर्डर पर हुई कृषि कानून विरोधी संगठनों की बैठक यह निर्णय लिया गया। ज्यादातर संगठनों ने रेल रोकने के कार्यक्रम पर सहमति जताई है, लेकिन प्रदर्शनकारियों का एक धड़ा ऐसा भी है जो रेल रोकने को शांतिपूर्ण आंदोलन का हिस्सा नहीं मानता। इस धड़े के नेताओं को इस घोषणा को लेकर चिंता यह है कि कहीं 26 जनवरी को जिस तरह ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में उपद्रव हुआ, उसी तरह यदि रेल रोकने के दौरान हिंसक वारदात हुईं, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?

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बता दें कि हरियाणा में फरवरी 2016 में हुए जाट आंदोलन के दौरान इस तरह के प्रदर्शन से रेलवे को 800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने भी तब प्रदर्शनकारियों को कोई राहत नहीं दी थी और नुकसान की भरपाई प्रदर्शनकारियों से ही कराने निर्णय दिया था। ऐसे में अब प्रदर्शनकारियों के एक धड़े के नेता चाहते हैं कि रेल रोकने की घोषणा अन्य संगठन पुनर्विचार करें। 

उधर, शिव कुमार शर्मा ‘कक्काजी‘ (सदस्य, समन्वय समिति, संयुक्त किसान मोर्चा) का कहना है कि बुधवार शाम सिंघु बार्डर पर हुई मोर्च की बैठक में मैं और ऋषिपाल अंबावता शामिल नहीं हुए थे। हम दोनों गाजीपुर बॉर्डर पर थे। मोर्चा के साथियों ने जो निर्णय लिया है, उस पर हमें कोई आपत्ति नहीं है मगर हम आपस में बैठकर एक बार रेल रोकने की घोषणा पर पुनर्विचार करने के लिए कहेंगे।

महापंचायतों का एलान

 कृषि कानून विरोधी प्रदर्शन को व्यापक बनाने के लिए प्रदर्शनकारी नेता डॉ. दर्शनपाल ने कहा कि संयुक्त मोर्चा ने आने वाले दिनों के लिए जो महापंचायत आहूत की हैं, इनमें 12 फरवरी को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के बिलारी गांव पीडीएम कालेज बहादुरगढ़, 18 फरवरी राजस्थान श्रीगंगानगर के रायसिंह नगर, 19 फरवरी को हनुमानगढ़ राजस्थान, 22 फरवरी को सिरसा हरियाणा और 23 फरवरी को सीकर राजस्थान में मोर्चा की महापंचायत होगी।


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