Move to Jagran APP

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों से खुश किसानों ने कहा- यह सोच समझकर लिया हुआ फैसला

इसापुर गांव के तेज प्रधान करीब इन दिनों अपने खेत में लगी गेहूं की फसल की देखरेख में पूरे दिन व्यस्त रहते हैं। ये कहते हैं कि सच कहूं तो खेत में काम करने से एक तरह की स्फूर्ति का संचार शरीर में होता है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 05:37 PM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 05:37 PM (IST)
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों से खुश किसानों ने कहा- यह सोच समझकर लिया हुआ फैसला
खेत में काम करता हुआ किसान। फाइल फोटो।

नई दिल्ली, गौतम कुमार मिश्रा। नए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब से आए किसानों की राय से दिल्ली देहात के किसानों की राय एकदम जुदा है। इनका कहना है कि केंद्र सरकार ने जो तीन कानून बनाए हैं, वह पूरी तरह सही हैं। इस कानून का सबसे बड़ा फायदा किसानों को एक विस्तृत बाजार की उपलब्धता सुनिश्चित कराना है, जिससे उपज का सही मूल्य मिल सकेगा। किसानों की तरक्की होगी। कृषि केवल निर्वाह के लिए नहीं बल्कि तरक्की के लिए की जाएगी। संक्षेप में कहें तो यह किसानें के स्वाभिमान को बढ़ाने में पूरी तरह सहायक सिद्ध होगा।

loksabha election banner

इसापुर गांव के तेज प्रधान करीब इन दिनों अपने खेत में लगी गेहूं की फसल की देखरेख में पूरे दिन व्यस्त रहते हैं। ये कहते हैं कि सच कहूं तो खेत में काम करने से एक तरह की स्फूर्ति का संचार शरीर में होता है। जब खेत में लहलहाती फसल को देखता हूं तो मन प्रसन्नता से भर जाता है। लेकिन एक बात जो अभी तक तकलीफ देती थी वह यह थी कि कड़ी मेहनत से तैयार फसल को जब किसान मंडी लेकर जाता था, तो वहां उसे आढ़तियों का मोहताज होना पड़ता था।

तेज बताते हैं कि मैं अपने गांव की बात करूं तो यहां से नजफगढ़ की मंडी अधिक दूर है लेकिन हरियाणा के गांव एकदम नजदीक। लेकिन हम गेहूं या सरसों की बिक्री अधिक कीमत मिलने के बावजूद भी हरियाणा में नहीं बेच सकते थे, नजफगढ़ की मंडी में फसल बेचना हमारी मजबूरी थी। लेकिन अब ऐसी मजबूरी से केंद्र सरकार ने निजात दिला दी। अब मैं देश में कहीं भी अपनी फसल बेच सकता हूं। जहां मुझे कीमत मिलेगी वहां मैं अपनी फसल बेचूंगा। एक तरह से यह आजादी है।

इस कानून के लिए हम केंद्र सरकार के शुक्रगुजार हैं। इसापुर से थोड़ी दूर पर गुरुग्राम से सटा एक गांव झटीकरा है। यहां के किसान रघुनाथ इन दिनों सरसों के फसल की देखभाल में जुटे हैं। खाद- पानी से लेकर खरपतावार हटाने से जुड़े कामों में इनका पूरा दिन बीतता है। इनका कहना है कि केंद्र सरकार ने जो नए तीन कृषि कानून बनाए हैं, वह सोच समझकर लिया गया फैसला है।

नए कानून में कहीं भी न्यूनतम समर्थन मूल्य को हटाने की बात नहीं की गई है। फिर इसपर बवाल क्यों किया जा रहा है। उल्टे न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ साथ नए कृषि कानून से किसानों को अपने उपज के विपणन के लिए एक विशाल बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। आप जहां चाहें, जिसे चाहें, अनाज बेचें। कोई बंदिश नहीं है। यहां बिचौलिए की कोई भूमिका नहीं है। अब इससे अच्छा कानून भला क्या हो सकता है। पंजाब के किसानों को या तो कोई भड़का रहा है या फिर उन्हें नए कृषि कानूनों की पूरी जानकारी नहीं है।

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.