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दिल्‍ली की सर्दी : रजाई-गद्दों के बढ़े भाव, जानें मार्केट क्‍या मिल रहा खास

सर्दी बढ़नी शुरू हो चुकी है। फरीदाबाद के बाजार भी रजाई और गद्दों से सज गए हैं। हालांकि, अभी ज्यादा संख्या में खरीदार नहीं आ रहे हैं।

By Edited By: Published: Wed, 28 Nov 2018 06:02 PM (IST)Updated: Thu, 29 Nov 2018 06:55 PM (IST)
दिल्‍ली की सर्दी : रजाई-गद्दों के बढ़े भाव, जानें मार्केट क्‍या मिल रहा खास
दिल्‍ली की सर्दी : रजाई-गद्दों के बढ़े भाव, जानें मार्केट क्‍या मिल रहा खास

बल्लभगढ़, जेएनएन। सर्दी बढ़नी शुरू हो चुकी है। इसके मद्देनजर बाजार में रजाई और गद्दों की दुकानें सज गई हैं। हालांकि, इनकी खरीदारी को अभी ज्यादा संख्या में लोग नहीं आ रहे हैं। इसके बावजूद रजाई और गद्दों के भाव में पिछले वर्ष के मुकाबले 10 फीसद बढ़ोतरी हो गई है।

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मजदूरी लगातार बढ़ती जा रही
इसका कारोबार करनेवाले दुकानदारों का कहना है कि ये बढ़ोतरी भी बिजली और मजदूरी बढ़ने की वजह से की गई है। रजाई-गद्दों के कारोबारी इस बात से खासे परेशान हैं कि हर वर्ष सर्दी कम होने से उनका व्यवसाय घटता जा रहा है।

 बढ़ गए कपास के दाम 
अब लोग 150 रुपये से लेकर 500 रुपये तक कंबल ले आते हैं और पूरी सर्दी को बिता देते हैं। सर्दी यदि दो से ढाई महीने पहले की तरफ रहे, तो रजाई और गद्दा लेना हर व्यक्ति की जरूरत हो जाएगा। कपास की रजाई का भाव पिछले वर्ष 135 रुपये था, इस वर्ष 150 रुपये है।

फाइबर की रजाई का भाव पिछले वर्ष 130 रुपये थे, इस बार 140 रुपये है। फोम की रजाई का भाव पिछले वर्ष 230 रुपये था, अब की बार 240 रुपये रखा गया है। कपास की धुनाई अब 15 रुपये प्रति किलोग्राम है। जबकि बिजली का बिल और मजदूरी काफी है।

पहले लोग कपास की धुनाई करके सूत की कताई करते थे। जिससे ये कारोबार अच्छा था। अब खड्डी कारोबार आधुनिक मशीनों की वजह से पिछड़ गया है। राकेश, रजाई विक्रेता


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