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जानिये- देश के मशहूर कवि कुमार विश्वास ने किस केंद्रीय मंत्री को कहा 'आंसू कविजी'

केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले बजट की आलोचना करने पर विपक्ष को करारा जवाब देने के दौरान इत्तेफाक से कविता के अंदाज में तुकबंदी में अपनी बात कह गए। इस पर जाने-माने कवि कुमार विश्वास ने रामदास आठवले की इस अनचाही और अनजानी तुकबंदी पर ट्वीट किया है- आंसू कविजी।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 02 Feb 2021 07:55 PM (IST)Updated: Wed, 03 Feb 2021 07:30 AM (IST)
जानिये- देश के मशहूर कवि कुमार विश्वास ने किस केंद्रीय मंत्री को कहा 'आंसू कविजी'
जाने-माने कवि कुमार विश्वास की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने वर्ष 2021-22 के सोमवार को लिए बजट पेश किया। इस बजट में कोरोना जैसी महामारी को देखते हुए स्वास्थ्य के साथ हर क्षेत्र में बेहतर करने लिए बजट का आवंटन किया है। अर्थशास्त्री इस बजट की जमकर सराहना कर रहे हैं, तो वहीं विपक्ष इस बजट की खामियां गिना रहा है।

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इस बीच केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले बजट की आलोचना करने पर विपक्ष को करारा जवाब देने के दौरान इत्तेफाक से कविता के अंदाज में तुकबंदी में अपनी बात कह गए। इस पर देश के जाने-माने कवि कुमार विश्वास ने रामदास आठवले की इस अनचाही और अनजानी तुकबंदी पर ट्वीट किया है- 'आंसू कविजी'। हालांकि, सही शब्द आशु कवि होता है। इसे कुमार विश्वास के कटाक्ष के तौर पर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि आशु कवि उसे कहा जाता है जो तुरंत कविता रचने में समर्थ हो।

यह है पूरा मामला

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा आम बजट 2021-22 संसद में पेश करने के बाद जहां सत्ता पक्ष ने इसकी जमकर सराहना की तो विपक्ष ने बजट को सिरे से खारिज कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सरकार के मंत्रियों ने इस बजट को एतिहासिक और भविष्य की ओर बेहतर कदम बताया तो विपक्ष ने इस 100 साल में सबसे बेकर बजट तक बताया। इस पर जब समाचार एजेंसी एएनआइ ने केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले से सवाल किया गया तो अनचाने और अनचाहे उन्होंने तुकबंदी के अंदाज में अपनी बात कह दी। जो इस प्रकार है।

वो बोल रहे हैं ये बजट खाली जुमला है,

कुछ लोग बोल रहे हैं ये बजट खाली जुमला है,

लेकिन मेरा कहना है कि ये बजट विरोधी दल पर हमला है,

ये बजट है सभी वर्गों को न्याय देने वाला 

और ये बजट है कांग्रेस और विरोध दलों पर हमला करने वाला।

यहां पर बता दें कि देश के जाने-माने कवियों-लेखकों में शुमार कुमार विश्वास समय-समय पर राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक विषयों पर कटाक्ष करते रहते हैं। उनके कटाक्ष ज्यादा मारक और प्रभावी होते हैं, इसलिए इंटरनेट मीडिया पर कुमार विश्वास के चाहने वाले और प्रशंसक खूब पसंद करते हैं और प्रतिक्रिया भी देते हैं। 

पिछले महीने 26 जनवरी के दिन किसानों के ट्रैक्टर परेड निकालने के दौरान दिल्ली में जो हिंसा हुई थी, उस पर भी कुमार विश्वास ने प्रतिक्रिया देते हुए किसान संगठनों को नसीहत तक दे डाली थी। उन्होंने ट्वीट किया था- 'दोनों पक्षों के बीच हल निकालने की पहल और गम्भीर तरीक़े से होनी चाहिए ! पिछले कुछ समय में जो कुछ हुआ और जो अब हो रहा है वह किसी भी तरह से देश व उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि के लिए ठीक नहीं ! दोनों पक्ष थोड़ा और अधिक नरम, सहकारी, संवेदनशील व राष्ट्रीयता भरा रुख अपनाएं व निस्तारण करें।'

यहां पर बता दें कि कुमार विश्वास उम्दा कवि होने के साथ राजनीतिज्ञ भी हैं। दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी के गठन में कुमार विश्वास की अहम भूमिका रही है। वह आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और उन्होंने आज भी आम आदमी पार्टी से अपना विधिवत नाता तोड़ा नहीं है।

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