दीवारों पर पोस्टर लगाकर तलाक मामलों का बताया है विशेषज्ञ, बीसीडी ने किया निंलबित
सार्वजनिक दीवारों पर अपना मोबाइल नंबर व व्यवसाय पेंट कराकर काम मांगने वाले अधिवक्ता को बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (बीसीडी) ने आठ सप्ताह का निलंबित कर दिया। बीसीडी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिवक्ता शकील खान को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। सार्वजनिक दीवारों पर अपना मोबाइल नंबर व व्यवसाय पेंट कराकर काम मांगने वाले अधिवक्ता को बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (बीसीडी) ने आठ सप्ताह का निलंबित कर दिया। बीसीडी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिवक्ता शकील खान को कारण बताओ नोटिस जारी किया। बीसीडी ने शकील से पूछा कि क्यों न उनका नाम स्थायी रूप से बार काउंसिल से हटा दिया जाए। अधिवक्ता के खिलाफ बीसीडी द्वारा प्रारंभिक जांच किए जाने के बाद यह आदेश पारित किया गया। पूछताछ के दौरान यह भी पाया गया कि अधिवक्ता ने अपना मोबाइल नंबर एक वेबसाइट पर भी प्रकाशित किया था।
अधिवक्ता शकील खान ने खुद को तलाक और अदालत के मामलों का विशेषज्ञ बताते हुए दक्षिण दिल्ली में कई जगह पर सार्वजनिक दीवारों पर विज्ञापन वाला पोस्टर पेंट कराया। इसमें उनका मोबाइल नंबर भी दिया गया है। बीसीडी ने मामले में प्रथम दृष्टया पाया कि अधिवक्ता शकील ने कदाचार किया है। बीसीडी के अनुसार अधिवक्ता का आचरण नियम 36 का घोर उल्लंघन है था। इस नियम के तहत अधिवक्ता को काम, संचार, विज्ञापन, प्रसार आदि से रोक देता है।
यह भी कहा गया कि इसने प्रिवेंशन ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट 2007 का उल्लंघन किया। बीसीडी ने कहा कि एक अधिवक्ता अदालत का अधिकारी होता है और कानूनी पेशा व्यापार या व्यवसाय नहीं है। बीसीडी ने इसके साथ ही सभी अधिवक्ताओं को इस तरह के विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाया और कहा कि अगर ऐसा पाया गया तो संबंधित अधिवक्ता के खिलाफ एडवोकेट एक्ट के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। एडवाेकेट एक्ट की धारा-35 के तहत दोषी पाएए जाने पर राज्य बार काउंसिल की अनुशासनात्मक कमेटी ऐसे मामलों में निलंबन करने से लेकर अधिवक्ता का पंजीकरण रद कर सकती है।
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